(todayindia)भोपाल। राष्ट्र और राष्ट्रीय भावना ही सर्वोपरि है, इससे ऊपर कुछ नहीं। वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं है, बल्कि राष्ट्र भक्ति का पर्याय है। वंदेमातरम का केवल एक ही अर्थ है-भारत माता की जय। जब भी इसे गायें, मन में यही भाव हो कि हमारा राष्ट्र आगे बढ़े। इसका सम्मान और गौरव बढ़े। यह बात सोमवार को प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक श्री शिवराजसिंह चौहान ने मंत्रालय भवन के सामने वंदे मातरम् गायन के उपरांत भाजपा पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं से कही।(todayindia)(todayindia)
भाजपा की पूर्व घोषणा के अनुसार भाजपा नेताओं एवं विधायकों ने मंत्रालय के सामने वंदे मातरम् का गायन किया। प्रदेश सरकार द्वारा वंदे मातरम् गायन पर रोक लगा दी गई थी, जिसके चलते इस बार एक जनवरी को मंत्रालय के सामने वंदे मातरम् गायन नहीं हो सका था। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा की थी कि सरकार भले ही वंदे मातरम् पर रोक लगा दे, लेकिन वे भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ सात जनवरी को वंदे मातरम् गायन करेंगे। घोषणा के अनुसार सोमवार सुबह 10 बजे भाजपा विधायक और कार्यकर्ता मंत्रालय पहुंचे। (todayindia)इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह चौहान, पूर्व मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा, श्री भूपेंद्र सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सीताशरण शर्मा, महापौर श्री आलोक शर्मा, जिला अध्यक्ष श्री सुरेंद्रनाथ सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत, श्री विनोद गोटिया, श्री अरविंद भदौरिया, सुश्री उषा ठाकुर, श्री रामेश्वर शर्मा, श्री जीतू जिराती, प्रदेश महामंत्री व विधायक श्री मनोहर उंटवाल, श्री बंशीलाल गुर्जर, प्रदेश मंत्री व विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, श्री बृजेन्द्रप्रताप सिंह, श्री सरतेन्दु तिवारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी
श्री लोकेन्द्र पाराशर, प्रदेश प्रवक्ता श्री राजो मालवीय सहित भाजपा के नव निर्वाचित विधायक एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। सामूहिक वंदे मातरम् गायन के बाद(todayindia) उपस्थित पदाधिकारियों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह आयोजन इसलिए करना पड़ा, क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे बंद करने का षड्यंत्र किया था। अब जनता के दबाव में सरकार ने अपने फैसले को वापस लेते हुए वंदे मातरम् गायन को नये स्वरूप में प्रारम्भ करने का फैसला लिया है। श्री चौहान ने कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन देश और देशभक्ति सबसे ऊपर हैं। देश भक्ति और जनकल्याण की जितनी मान्य परंपराएं हैं, सरकार उन परंपराओं को न तोड़े। अगर सरकार इन परंपराओं को तोड़ती है, तो हम उसका प्रचंड विरोध करेंगे और सरकार को विवश कर देंगे।
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