वागभट्ट जी कहते हैं कि सुबह का खाना सबसे अच्छा मतलब सुबह का खाना अगर खाना है तो पेट भरकर खाइए जो चीज आपको सबसे स्वादिष्ट लगती है उसे सुबह ही खायें वागभट्ट जी कहते हैं कि सुबह साढ़े 9 बजे से पहले सुबह का भोजन हो जाना चाहिए
और वो कहते हैं की ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे ये नाश्ता अंग्रेजों के लिए है हमारे लिए नही हमारे यहाँ ये फैशन चल गया है कि नास्ता हल्का करेंगे लंच थोडा ज्यादा और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे भारत में खाने के हिसाब से बिलकुल विपरीत
वागभट्ट जी कहते हैं की नाश्ता सबसे ज्यादा करें लंच थोडा कम और डिनर तो सबसे कम करें लेकिन हो क्या रहा है इसका बिलकुल उल्टा, ये अंग्रेजों के लिए सुबह का नाश्ता सबसे कम ही करें ओ उनके लिए अच्छा ही है इसका कारण है की अंग्रेजों के देश में सूर्य नही निकलता साल में आठ आठ महीने तक सूर्य के दर्शन नही होते और ये जठर अग्नि जो है ये सीधे सूर्य के साथ सम्बंधित है जैसे जैसे सूर्य तेज होने लगता है तो यह अग्नि भी तेज शुरु हो जाती है तो यूरोप और अमेरिका में सूरज निकलता नही साल में आठ आठ महीने तक बर्फ पड़ती है तापमान -40 डीग्री होता है तो वहां जठर में अग्नि नही है तो वो भारी भोजन नही खा सकते अगर करेंगे तो उनको तकलीफ हो जाएगी
इसलिए राजीव जी कहते हैं कि अपनी आबो हवा ,तासीर को देखते हुवे जीवन व्यतीत करें तो हमारे देश की आबो हवा ये की हर दिन सूरज निकलता है करोड़ों साल से निकलता रहा है अगले दिन भी निकलेगा इसलिए भारत में हर सुबह अच्छी सुबह( गुड मोर्निंग) होती है युरोप वाले तरसते हैं गुड मोर्निंग के लिए इसलिए हर आदमी एक दुसरे को विश करता है गुड मोर्निंग
इसलिए राजीव जी कहते हैं कि हमारे यहाँ हर मोर्निंग इज गुड मोर्निंग हर सुबह सूर्य निकलता है जठर अग्नि तेज होती है तो पेटभरकर खाएं मतलब कि नाश्ते को डिनर में बदल दीजिये और डिनर को नाश्ते में. इसलिए वागभट्ट जी कहते हैं कि सुबह जब निकलें तो पेट भरकर ही निकलें दोपहर को थोडा कम भोजन खाएं क्यूंकि जठर अग्नि कम होने लगती है न खाएं तो और भी अच्छा है फल खालें, दही पीलें, जूस पीलें, मठा पी सकते हैं.
राजीव भाई द्वारा बताए इस नियम का पालन देश के एक बड़े नेता ने किया तो उनका शुगर लेवल सही हो गया और उनका वजन 20 किलो कम हो गया.
वागभट्ट जी कहते हैं कि भारत में सूरज ढलने के बाद तो भोजन कोई नही खाता गाय भी नही खाती, बकरी, भैंस कोई भी नही खायेगा और तो और गधे को ही देख लो वो भी मनुष्यों से ज्यादा समझदार है वो भी सूर्यास्त के बाद नही खाता कोई भी प्राणी नही खता सूर्यास्त के बाद तो अप क्यों खा रहे हैं
वागभट्ट जी कहते हैं कि यह प्रकृति का नियम है इसे फॉलो करें माने सूर्य के छिपने से पहले रात्रि का भोजन कर लीजिये शाम को 5 से साढ़े 6 बजे के बीच भजन कर लें वैसे तो वागभट्ट जी कहते हैं कि सूर्य के छिपने से 40 मिनट पहले भोजन कर लें. तो आप कहेंगे की रात को क्या लें तो वो कहते हैं की कोई भी तरल पदार्थ ले सकते हैं जैसे कि दूध वागभट्ट जी कहते हैं की सूर्यास्त के बाद हमारे शरीर में कुछ ऐसे एन्जाइमस पैदा होते है जो की दूध को पचा सकते हैं
अगर आपमें कोई डाईबिटिज पेशेंट है,अस्थमेटिक पेशेंट है, किसी को भी वात का गंभीर रोग है आज से ही ये सूत्र चालू कर दीजिये 3 महीने बाद आप खुद कहेंगे कि आप पहले से बहुत अच्छे हैं आप कहेंगे कि शुगर कम हो गया है, अस्थमा कम हो गया है ट्राईग्लिसराइड चेक कर लीजिये और यह सूत्र फोल्लोव्व कर दीजिये 3 महीने बाद फिर चेक करवा लीजिये पहले से कम होगा तो ईमानदारी से इन सूत्रों को फॉलो करें आपको बहुत फयदा मिलेगा
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