o 19 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होना गर्व की बात है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होना उससे भी बड़ी बात है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का कार्यकर्ता होना गौरव की बात है।
o भारतीय जनता पार्टी ही देश और दुनिया में ऐसी पार्टी है, जो पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को लेकर राजनीति करती है।
o मध्यप्रदेश का पार्टी संगठन सबसे मजबूत है। यह हर कार्यक्रम को बहुत नियोजित तरीके से करता है।
o प्रदेश के संगठन को कई महापुरुषों ने अपने परिश्रम से सींचा है। इन महापुरुषों की कई पीढ़ियां खप गईं। प्रदेश की धरती पर जन्मे अटलजी हमारे बीच नहीं हैं। इन महापुरुषों का कर्ज चुकाने का मौका आ गया है और इस मौके को हम छोड़ेंगे नहीं।
o महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया और पं. दीनदयाल जी को देश कभी भुला नहीं सकता। तीनों के विचारों से पले-बढ़े लोग आज राजनीति में हैं। ये हमारा सौभाग्य है कि हम वो हैं, जो इन तीनों के विचारों को स्वीकार करते हैं।
o हम समन्वय में विश्वास करते हैं, हम सामाजिक न्याय में विश्वास करते हैं। सबका साथ, सबका विकास नारा नहीं है। यह उज्जवल भारत के भविष्य के लिए सोच-समझकर चुना गया मार्ग है। इसी पर आगे बढ़ना है।
o वोट बैंक की राजनीति ने समाज को दीमक की तरह तबाह किया है। देश को बरबादी से बचाने के लिए इस तरह की राजनीति से मुक्ति भाजपा की जिम्मेदारी है।
o यूपीए की सरकार भाजपा शासित राज्यों की सरकारों से दुश्मनी का भाव रखती थीं। नेता इन सरकारों के काम में रुकावट डालकर खुश होते थे। अफसर भी भाजपा सरकारों को कुछ नहीं देना है, इस भावना से काम करते थे।
o आप बताइये, प्रदेश को ऐसे षडयंत्रों से बचाना है या नहीं, प्रदेश से ऐसा भेदभाव करने वाली पार्टी को सजा देना है या नहीं, पहली बार ऐसी दुर्भावना रखने वाली पार्टी को सजा देने का मौका आया है।
o अब दिल्ली में ऐसी सरकार है, जो यह मानती है कि अगर देश का विकास करना है, तो राज्यों का मजबूत होना जरूरी है। मैं देश की सेवा करना चाहता हूं, मुझे सेवा का मौका चाहिए।
o कांग्रेस सिमट कर रह गई है। कांग्रेस कहां है, उसे अब सूक्ष्मदर्शी से देखना पड़ता है। कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।
o 1984 के चुनाव में हमारी भी हार हुई थी। लेकिन चुनाव हारकर हमने ईवीएम को गालियां नहीं दी। हमने अपने अंदर देखा कि हम क्यों हारे। हमने जनता को विश्वास दिलाया, लेकिन कांग्रेस ऐसा करने को भी तैयार नहीं। इसका कारण है उसका अहंकार।
o कांग्रेसी सोचते हैं कि कुर्सियों पर तो हमारा अधिकार है। कोई चायवाला, कोई गरीब परिवार का शिवराज, कोई योगी इन कुर्सियों पर नहीं बैठ सकते।
o कांग्रेस पराजय के भय से गठबंधन कर रही है। कांग्रेस घर-घर जाकर छोटे-छोटे दलों के पैर पकड़ रही है। अगर देश और प्रदेशों में भाजपा की सरकारें सफल न हुई होतीं, तो कांग्रेस के रवैये में यह बदलाव कभी नहीं आता।
o वे समाज को तोड़ने के रास्ते पर जाना चाहते हैं। उनका रास्ता उनको मुबारक। हमारा रास्ता है संगठन में शक्ति। देश भी संगठन से ही आगे बढ़ेगा। हम धनबल से चुनाव नहीं लड़ते। हम जनबल से चुनाव लड़ते हैं, जनबल को जोड़ने का काम हमारा कार्यकर्ता करता है।
o वे तरह-तरह के षडयंत्र रच रहे हैं। कार्यकर्ता संकल्प लें कि चाहे आंधी आए, तूफान आए, झूठ का बवंडर पैदा हो जाए, जातिवाद का जहर कितना भी फैले, चाहे नोटों के ढेर लगा दिए जाएं, मैं बूथ पर भाजपा का झंडा झुकने नहीं दूंगा।
o ये विजय सरकार बनाने के लिए नहीं, ये हिंदुस्तान का भाग्य तय करने के लिए जरूरी है।
o अगड़े-पिछड़े के भेद से देश का विकास नहीं होगा। 125 करोड़ देशवासी हमारा परिवार है। हमारे लिए दल से बड़ा देश है।
o वोट बैंक की राजनीति देखिए कि दुनिया के किसी मुस्लिम देश में तीन तलाक प्रचलित नहीं है, लेकिन हमारे यहां चल रहा था। मां- बेटी हिन्दू हो या मुसलमान, क्या फर्क पड़ता है। हमें उन्हें शोषण से बचाना है, उनकी रक्षा करनी है।
o देश में गठबंधन तैयार करने में नाकाम रही कांग्रेस अब देश के बाहर गठबंधन कर रही है। अब विदेशों से यह तय होगा कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। ऐसी पार्टियों से देश को बचाने का संकल्प हर जागरूक कार्यकर्ता को लेना चाहिए।
o कांग्रेस ने डिक्शनरी की कोई गाली नहीं छोड़ी, जो मुझे न दी हो। कितना कीचड़ मुझ पर उछालात्र लेकिन कांग्रेस ने जितना कीचड़ उछाला है, कमल उतना ही खिला है।