राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है। विधि और न्याय मंत्रालय ने कल शाम जारी एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी।
इससे पहले कल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन तलाक को दण्डनीय अपराध बनाने के अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसमें तीन तलाक के जरिए वैवाहिक संबंध विच्छेद करने वाले व्यक्ति को तीन साल की सजा का प्रावधान है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अध्यादेश के तहत पीड़ित महिला या उसके सगे-संबंधियों द्वारा पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर ही तीन तलाक को अपराध माना जाएगा। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के बीच समझौता होने की स्थिति में यह मामला वापस लिया जा सकेगा।
श्री प्रसाद ने यह भी कहा कि मजिस्ट्रेट, पीड़िता की बात सुनने के बाद उचित आधार पर आरोपी को जमानत दे सकेगा। बच्चों को पत्नी के सुपुर्द किया जाएगा, और उसे अपने तथा बच्चों के भरण-पोषण का खर्च पाने का हक होगा जिसका निर्धारण मजिस्ट्रेट करेगा। श्री प्रसाद ने कहा –
ये अध्यादेश देश हित में लाया गया है। यह अध्यादेश देश की नारी के इंसाफ के लिए लाया गया है। मैं अपील करूंगा कि वोट बैंक की चारदीवारी से ऊपर उठकर इंसानियत और इंसाफ से लिए समर्थन हो।