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रायपुर : ‘आत्महत्या की रोकथाम’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन : अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

रोकथाम में वॉलेंटियर समूह के गठन, स्कूलों में बच्चों को परामर्श देने
और एक टोल फ्री नम्बर प्रारंभ करने के उपाय होंगे प्रभावी
रायपुर, 27 जुलाई 2018
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में ‘आत्महत्या की रोकथाम’ विषय पर 26 और 27 जुलाई को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शामिल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने लोगों परामर्श देने के लिए एक टोल-फ्री टेलीफोन नम्बर प्रारंभ करने, स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग की व्यवस्था करने और वालेंटियर समूह के गठन जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए। समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना विशेष रूप से कार्यशाला में उपस्थित थे। उन्होंने इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर तैयार ‘फैक्ट शीट – 2016’ का विमोचन किया।
विशेषज्ञों ने कार्यशाला में कहा कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में लोग अपने परिवार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। सोशल मीडिया के अधिक उपयोग से भी व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है। परिवार के मुखिया को अपने बच्चों से उनकी समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए और समाधान का प्रयास करना चाहिए। ये उपाय आत्महत्या के प्रकरणों में कमी लाने में प्रभावी हो सकते हैं। आत्महत्या की रोकथाम के लिए संचालक स्वास्थ्य और मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसी तारतम्य में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में दिए गए सुझावों के आधार पर आत्महत्या रोकथाम की रणनीति तैयार की जाएगी। कार्यशाला में गुजरात राज्य में आत्महत्या की रोकथाम के लिए संचालित ‘दवा एवं दुआ प्रोजेक्ट’ पर भी चर्चा की गई।
कार्यशाला में भारत सरकार के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. आलोक माथुर, साईक्रेट्रिक सोशल वर्क नीमहंस के विभागाध्यक्ष डॉ. शेखर काशी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. आत्रेई गांगुली, वैश्विक विशेषज्ञ (आत्महत्या की रोकथाम) डॉ. लक्ष्मी विजय कुमार, तमिलनाडु के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राम सुब्रमण्यम, गुजरात राज्य के नोडल अधिकारी डॉ. अजय चौहान, राज्य नोडल अधिकारी कर्नाटक डॉ. रजनी, नीमहंस बैंगलूरू के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. देवर्ता कुमार, संगत एनजीओ मानसिक स्वास्थ्य एक्ट लॉ विशेषज्ञ पुणे के डॉ. सौमित्र पठारे, पीएसएम विभाग चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के डॉ. कमलेश जैन, मनोरोग विभाग एम्स रायपुर के डॉ. लोकेश, मनोरोग विभाग एम्स रायपुर के डॉ. अंजन, 108 एवं 104 सेवाओं के प्रतिनिधि, चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के प्रतिभागी, राज्य नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. बी.के. साहू और राज्य कार्यक्रम समन्वयक एनसीडी डॉ. सुमी जैन कार्यशाला में विशेष रूप से शामिल हुये।

क्रमांक: 1834/सोलंकी

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