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ग्रामीण क्षेत्रों में विदयुत राजस्व संग्रहण की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को देने पर विचार

प्रयोग के तौर पर राजगढ, विदिशा और रायसेन में होगी शुरूआत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षाप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत मीटर रीडिंग, बिल वितरण और विद्युत राजस्व संग्रहण की जिम्मेदारी महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को देने पर विचार किया जा रहा है। प्रयोग के तौर पर इस व्यवस्था को दिसम्बर माह से राजगढ, विदिशा और रायसेन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। तीन से पांच सदस्यों वाले ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों को यह जिम्मेदारी दी जायेगी। प्रत्येक दस गांवों के लिये एक महिला स्व-सहायता समूह होगा। इन समूहों को विदयुत राजस्व की शत-प्रतिशत वसूली करने पर 15 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। समूह को छह हजार रूपये प्रति माह का मेहनताना भी मिलेगा।

यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में ग्रामीण घरेलू बिजली बिलों के निराकरण के मुददे पर पर भी चर्चा हुई।

बैठक में बताया गया कि प्रतिदिन 23 करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति हो रही है और 2000 मेगावाट बिजली की बैकिंग उपलब्ध है। बिजली की कोई कमी नहीं है। खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने के काम में तेजी लाते हुए अब तक 2050 खराब ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। कृषि पंपों को अस्थाई कनेक्शन देने की योजना से 30 हजार किसानों को लाभ मिला है। अस्थाई कनेक्शन की राशि 13 हजार रूपये से घटाकर 8,400 रूपये कर दी गई है। बिलिंग सिस्टम को और ज्यादा प्रभावी बनाया जा रहा है। प्रत्येक जिले को पूर्णत: विद्यतीकृत बनाने की दिशा में काम चल रहा है।

समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल, सचिव मुख्यमंत्री श्री विवेक अग्रवाल और विदयुत वितरण कंपनियों के मुख्य प्रबंध संचालक उपस्थित थे।

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