केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने की घोषणा की; धार्मिक उत्पीड़न के शिकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी
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गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024, नागरिकता संशोधन अधिनियम -2019 के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करने की घोषणा की। यह भारतीय जनता पार्टी के वर्ष 2019 के चुनाव घोषणा पत्र का अभिन्न हिस्सा था। नागरिकता संशोधन अधिनियम अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने का प्रयास है। इससे प्रताडित लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का मार्ग प्रशस्त होगा। नागरिकता संशोधन अधिनियम को 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति ने स्वीकृति प्रदान की थी।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 अधिसूचित कर दिये गये हैं। श्री शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अधिसूचना के साथ एक और वायदा पूरा किया है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए संविधान में किये गये वादे को साकार किया है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024, नागरिकता संशोधन अधिनियम -2019 के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएगा। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से भेजे जाएंगे। इसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।
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केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने की घोषणा की; धार्मिक उत्पीड़न के शिकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी
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