भोपाल : गुरूवार, अगस्त 10, 2017
गैस राहत एवं पुनर्वास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने कहा है कि गैस राहत हॉस्पिटल में गैस पीड़ितों के लिये कैंसर बीमारी के डायग्नोस कैम्प नियमित रूप से लगाये जायें। इन कैम्प में सस्पेक्ट पाये जाने वाले मरीजों के रैफरल हॉस्पिटल से पुष्टि कराकर कैंसर पाये जाने पर तुरंत उपचार शुरू करवायें। रैफरल हॉस्पिटल को कहा जाये कि वह एस्टीमेट देने के साथ उपचार शुरू करें। इसके साथ ही ऐसे गैस पीड़ित मरीज जो हॉस्पिटल ओपीडी में आते हैं और चिकित्सक उन्हें कैंसर सस्पेक्ट पेशेंट मानते हैं, तो उनका भी डायग्नोस कराने के लिये रैफरल हॉस्पिटल भेजा जाये।
राज्य मंत्री सारंग ने कहा कि गैस राहत विभाग द्वारा इस्टीमेट की स्वीकृति के संबंध में भी यह व्यवस्था दी जाये कि स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा एप्रूबल मिलने के बाद एस्टीमेट को अंतिम रूप से मान्य कर उपचार की स्वीकृति जारी की जाये। बैठक में चौकसे नगर निवासी श्रीमती सलमा बी की बीएमएचआरसी में कीमोथैरेपी बंद किये जाने के संबंध में प्रकाशित खबर पर डायरेक्टर बीएमएचआरसी ने बताया कि श्रीमती सलमा बी एक सप्ताह पहले बीएमएचआरसी आईं थीं। उनका कैंसर डायग्नोस नहीं हुआ है, यह डायग्नोस की प्रोसेस में है। ऐसी स्थिति में कीमोथैरेपी होने की बात ही नहीं आती तो बंद करने का सवाल ही नहीं है। श्रीमती सलमा बी के द्वारा गैस राहत हॉस्पिटल के सीएमएचओ से भी सम्पर्क नहीं किया गया।
राज्य मंत्री सारंग ने कहा कि गैस पीड़ित मरीजों को उपचार के लिये भटकना नहीं चाहिये, विभाग ऐसी व्यवस्था बनाये जिससे कि कैंसर का सस्पेक्ट मरीज का डायग्नोस करके यह तय किया जाये कि उसे कैंसर है या नहीं और कैंसर है तो उसका तुरंत उपचार शुरू करवाया जाये। जो कैंसर के मरीज कैंसर डायग्नोस के बाद आते हैं उनका रैफरल हॉस्पिटल से इस्टीमेट प्राप्त कर उपचार करवायें और जो मरीज डायग्नोस करवाकर नहीं आते, सस्पेक्टेड हैं उनका डायग्नोस रैफरल हॉस्पिटल से करवायें।
राज्य मंत्री सारंग ने बीएमएचआरसी के डाक्टर से भी कहा कि वे गैस पीड़ित कैंसर मरीजों के उपचार कराने में तत्परता बरतें।
तीनों गैस राहत अस्पताल में शुरूआती चरण में सप्ताह में एक बार कैंसर डायग्नोस कैम्प लगाये जायें। कैम्प की व्यवस्थाओं आगे भी नियमित रूप से की जाये।