दस दिनों के गणेश उत्सव का समापन पर्व अनन्त चतुर्दशी देश के कई हिस्सों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है
ganeshji,bhagwanganesh,ganeshutsav,anantchaturdashiदस दिनों के गणेश उत्सव का समापन पर्व अनन्त चतुर्दशी देश के कई हिस्सों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।गणेश उत्सव के अंतिम दिन श्रद्धालु पूजा अर्चाना के अनुष्ठानों के बाद भगवान गणेश की प्रतिमाओं को अपने आस- पास के तालाब, नदी या समुद्र में विर्सजन के लिए ले जाते हैं। श्रद्धालु भगवान गणेश को विदा कर उनके अगले वर्ष जल्द आने की प्रार्थना के साथ शोभा यात्रा निकालते हैं।
मुम्बई में दस दिन चला गणेशोत्सव आज हर्षोल्लास तथा धूमधाम के साथ सम्पन्न हो गया। समूचे शहर में पुष्पवर्षा के साथ भगवान गणेश की शोभा यात्रा निकाली गई। लाखों श्रद्धालुओं ने सडकों पर गणपति बाप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या का उदघोष करते हुए शोभा यात्रों में हिस्सा लिया।
वहीं, हैदराबाद में 9 दिन के गणेश उत्सव के अंतिम दिन आज कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी। बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश को विदाई देते हुए शहर में करीब एक सौ झीलों और तालाबों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। वृहन हैदाराबाद नगर निगम ने तीस से भी अधिक झीलों और तालाबों के पास प्रतिमा विसर्जन के लिए भारी क्रेन तैनात की हैं। गणेश भगवान की 63 फुट उंची प्रतिमा को शोभा यात्रा निकालकर हुसैन सागर ले जाया गया।
हजारों श्रद्धालुओं ने बालापुर से हुसैन सागर तक करीब 22 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान गणपति बप्पा मोरिया का उदघोष करते हुए शोभा यात्रा में हिस्सा लिया। श्रद्धालु सैकडों ट्रको में गणेश प्रतिमा लेकर हुसैन सागर जा रहे हैं। भाग्यनगर गणेश उत्सव समिति ने चारमीनार, मोज़ाम जाही मार्केट और लिबर्टी जंक्शन पर प्रतिमाओं के स्वागत के लिए विशेष मंच बनाए हैं। पुलिस महानिदेशक अंजनी कुमार राज्य कमान और नियंत्रण केंद्र से गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्राओं की निगरानी कर रहे हैं। इन यात्राओं के कारण शहर में कई जगहों पर यातायात भी प्रभावित हुआ है।
=============================================Courtesy==================
दस दिनों के गणेश उत्सव का समापन पर्व अनन्त चतुर्दशी देश के कई हिस्सों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है
ganeshji,bhagwanganesh,ganeshutsav,anantchaturdashi