भोपाल : बुधवार, जूलाई 12, 2017
वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने कहा है कि जीएसटी ने काश्मीर से कन्याकुमारी तक देश का आर्थिक रूप से एकीकरण किया है। जीएसटी देश की आजादी के बाद आर्थिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बदलाव है। इससे देश की तरक्की की रफ्तार को काफी गति मिलेगी। वित्त मंत्री मलैया आज भोपाल के समन्वय भवन में जीएसटी जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री मलैया ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार के उद्देश्य से लागू किया गया है। प्रदेश में एक जुलाई से वाणिज्यिक कर विभाग की 29 चौकी समाप्त हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि पहले करीब 18 प्रकार के कर हुआ करते थे। अब इन सबको समाप्त कर एक कर जीएसटी लागू किया गया है। श्री मलैया ने कहा कि मध्यप्रदेश में पूर्व में वेट विधान में व्यवसायियों को पंजीयन लेने की सीमा 10 लाख रुपये वार्षिक टर्न-ओव्हर थी। जीएसटी विधान में यह 20 लाख रुपये वार्षिक टर्न-ओव्हर कर दी गयी है। इसके साथ ही 75 लाख रुपये तक के व्यापारियों को कंपोजिशन की सुविधा भी दी गयी है। जीएसटी कानून में छोटे व्यवसायियों को सुविधा देने के अधिक से अधिक प्रयास किये गये हैं।
जीएसटी के टैक्स स्लेब की चर्चा करते हुए श्री मलैया ने कहा कि जीएसटी में कर की 5 दरें 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं। केवल 19 प्रतिशत वस्तुएँ ऐसी हैं, जिन पर कर की दर उच्चतम अर्थात 28 प्रतिशत है। शेष 81 प्रतिशत वस्तुओं पर 18 प्रतिशत या उससे कम की दरें हैं। वित्त मंत्री श्री मलैया ने जीएसटी को देश के संघीय ढाँचे की बेहतर मिसाल बताया।
वित्त मंत्री ने कहा कि बेरियर खत्म होने से सड़कों पर चलने वाले ट्रकों की रफ्तार तेज होगी। देश में जब बेरियर थे, तो ट्रकों में लगने वाले ईंधन में प्रतिवर्ष एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का अनावश्यक खर्च होता था। वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका में मालवाहक ट्रक प्रतिदिन 800 किलोमीटर की दूरी तय करता है। जब बेरियर थे तब मालवाहक ट्रक देश में केवल 280 किलोमीटर प्रतिदिन की दूरी तय करते थे। अब मालवाहक ट्रकों की रफ्तार प्रतिदिन 350 से 400 किलोमीटर हो जायेगी। इससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आयेगी।