लोकसभा में एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा–मणिपुर में हिंसा दुखद है और महिलाओं के खिलाफ अपराध अस्वीकार्य हैं
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाया है कि पूरा देश उनके साथ है। आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा दुखद है और महिलाओं के खिलाफ अपराध अस्वीकार्य हैं। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि निकट भविष्य में मणिपुर में शांति होगी और राज्य में तेजी से विकास होगा। श्री मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की अधिकांश समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।
श्री मोदी ने आगे कहा कि कश्मीर आतंकवाद की आग में जल रहा था लेकिन कांग्रेस को कश्मीर के लोगों पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हुर्रियत, अलगाववादियों और पाकिस्तान का झंडा लेकर चलने वालों पर भरोसा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत ने आतंक पर सर्जिकल स्ट्राइक की तो कांग्रेस ने भारतीय सेना पर भरोसा नहीं जताया।
श्री मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के लिए पार्टी देश से ऊपर है और उन्हें लोगों की भूख से ज्यादा सत्ता में दिलचस्पी है। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष को लोगों के कल्याण के उद्देश्य से लाये गए महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा में कोई दिलचस्पी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अजीब बात है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलने वालों की सूची से विपक्ष के नेता का नाम गायब है।
कांग्रेस की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी के पास न नीति है, न इच्छा, न दृष्टि और न ही वैश्विक आर्थिक व्यवस्था तथा भारत के अर्थजगत की समझ है।
उन्होंने आगे कहा कि देश के लोगों को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है पर वह अहंकार के कारण वास्तविकता नहीं देख पा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि 1991 में देश दिवालिया होने के कगार पर था। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत ने दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में जगह बनाई और यह सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन से संभव हुआ।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आईएनडीआईए गठबंधन दोहरे अंक की मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार, नीतिगत अक्षमता, अस्थिरता, तुष्टिकरण, वंशवाद, बेरोजगारी, हिंसा और आतंकवाद की गारंटी है। उन्होंने गारंटी दी कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान, भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनडीए और भाजपा 2024 में शानदार जीत के साथ फिर सत्ता में आयेगी। श्री मोदी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हमेशा एनडीए के लिए भाग्यशाली रहा है। उन्होंने एनडीए सरकार पर बार-बार भरोसा जताने के लिए देश की जनता को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने कहा कि यह शक्ति परीक्षण विपक्ष के लिए है सरकार के लिए नहीं।
उन्होंने कहा कि 2028 में जब विपक्ष दोबारा अविश्वास प्रस्ताव लाएगा तो देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होगा। श्री मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।
इससे पहले बहस में हिस्सा लेते हुए सुश्री सीतारामन ने कहा कि 2014 से सरकार द्वारा शुरू किए गए नीतिगत सुधारों की बदौलत भारत विश्व में सबसे तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था बन गया है। पिछले नौ वर्षों में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कृषि, रक्षा निर्यात, किसानों को ऋण, अनाज की पैदावार, नल-जल कनेक्शन और राजमार्गों के मामले में इन वर्षों में क्रांतिकारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार के उपायों की बदौलत बैंकों के फंसे ऋणों की राशि दशक में सबसे निचले स्तर पर आ गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा एक लाख करोड रुपये पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत आज उच्च विकास और निम्न मुद्रास्फीति की स्थिति में है, जबकि यूपीए शासन के दौरान मुद्रास्फीति ऊंची थी और विकास का स्तर कम था। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि उसने केवल सपने दिखाएं और भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढावा दिया। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि वर्तमान सरकार सभी के सशक्तिकरण में विश्वास रखती है, किसी एक के तुष्टिकरण में नहीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोगों ने वर्ष 2014 और 2019 में यूपीए को हराया था और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी स्थिति यही रहेगी।
वित्त मंत्री जब डीएमके सांसद टी.आर.बालू के एम्स मदुरई के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थी, तो डीएमके और कांग्रेस सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि इस परियोजना पर समुचित कार्य नहीं हुआ है। बाद में कांग्रेस, डीएमके और अन्य सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए लोक जनशक्ति पार्टी आर के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने अपने भाषणों में केवल सरकार को दोषी ठहराया है और मणिपुर की स्थिति के समाधान के बारे में कोई बात नहीं की। शिवसेना के राहुल शेवाले ने भी अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में अपना पक्ष् रखा।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई छात्रवृत्तियां बंद करने के कारण लगभग एक लाख 80 हजार मुस्लिम विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का उद्देश्य मणिपुर मुद्दे पर सरकार की कथित चुप्पी को तोड़ना है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति की तुलना अन्य राज्यों से करना उचित नहीं है क्योंकि राज्य में 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोई भी विपक्षी दल इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा है और वे केवल यह मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें। उन्होंने ध्रुवीकरण और सांप्रदायिकता के खिलाफ भी बात की। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई उनकी कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताई। बहस में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों के कल्याण के लिए सरकार के कई उपायों पर प्रकाश डाला।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय हंसदक, निर्दलीय सदस्य नबा कुमार सरानिया, भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विजय बघेल, बंदी संजय कुमार, राजदीप रॉय और केसी (एम) के थॉमस सी, बीआरएस के के प्रभाकर रेड्डी, डीएमके के सेंथिलकुमार, जनता दल यूनाईटेड के के. गिरधारी यादव तथा एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल ने चर्चा में हिस्सा लिया। बाद में सदन ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
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