प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली- दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के दौसा में दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली- दौसा-लालसोट खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 5,940 करोड रूपये से अधिक की लागत वाली 247 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि देशभर में विश्व स्तर के राजमार्गों का निर्माण विकास, प्रगति और कनैक्टिविटी के माध्यम से नए भारत की तस्वीर पेश करता है। श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला खंड राष्ट्र को समर्पित करते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के कई अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक है जो नए भारत की तस्वीर पेश करता है। उन्होंने कहा जब ऐसी अत्याधुनिक सडकें, रेलवे स्टेशन, रेल पटरियां, मेट्रो और हवई अड्डों का निर्माण होता है तो देश के विकास को गति मिलती है।
प्रधानमंत्री ने आधारभूत अवसंरचना क्षेत्र में निवेश के कई फायदे भी गिनाए। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में अवसंरचना क्षेत्र के लिए 10 लाख करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। यह 2014 की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। इससे राजस्थान के गरीब और मध्यम वर्ग को बहुत लाभ होने वाला है। श्री मोदी ने कहा कि अवसंरचना क्षेत्र में निवेश से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और इससे संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि जब राजमार्गों, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों का निर्माण और पक्के मकान और कॉलेज बनाए जाते हैं तथा ऑप्टिकल फाइबर के जरिए डिजिटल कनैक्टिविटी बढ़ाने का काम किया जाता है तो समाज का हर वर्ग सशक्त बनता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-दौसा-लालसोट हाईवे बन जाने से दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा का समय घट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रामीण हाट बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय किसान और काश्तकार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से राजस्थान के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को भी फायदा होगा। श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और पश्चिमी माल परिवहन गलियारा दोनों राजस्थान के साथ ही देश की प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनेंगे और आने वाले समय में इस समूचे क्षेत्र का कायाकल्प कर देंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं से राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी भारत के कई क्षेत्र बंदरगाहों से जुड जाएंगे। इससे लॉजिस्टिक सेवओं, भंडारण, परिवहन और अन्य उद्योग के लिए नए अवसर बनेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि और कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राजस्थान के लोक निर्माण विभाग के मंत्री भजनलाल जाटव और कई सांसद भी इस अवसर पर उपस्थित थे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा लालसोट खंड का निर्माण 12,150 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से किया गया है। इसके शुरू हो जाने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय पांच घंटे से घटकर साढे तीन घंटे के करीब हो जाएगा। साथ ही इससे पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक हजार तीन सौ 86 किलोमीटर की लंबाई के साथ देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी 1,424 किलोमीटर से घटकर एक 1,242 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा का समय भी 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा। यह राजमार्ग छह राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसके साथ ही यह कोटा , इंदौर, जयपुर, भोपाल, बडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को भी जोडेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से 93 पीएम गतिशक्ति आर्थिक क्षेत्र, 13 बंदरगाह, आठ बडे हवाई अड्डे और आठ बडे लॉजिस्टिक पार्क भी जुडेंगे। जेवर और नवी मुंबई जैसे नए हवाई अड्डों और जेएनपीटी बंदरगाह को भी इस एक्सप्रेसवे का फायदा मिलेगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली- दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया
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