भोपाल : गुरूवार, मई 25, 2017
उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं वन राज्य मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने आज एसोचेम द्वारा एग्रो एण्ड फूड प्रोसेसिंग समिट में कहा कि प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण पर आधारित उद्योगों को लगाने की अपार संभावनाएँ हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कृषि की आय को दोगुना करने के लिये प्रयासरत हैं। प्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हो चुका है। प्रदेश में 60 करोड़ की प्याज की खरीदी किसानों से की गयी है। श्री मीणा ने कहा कि किसानों को खाद्य प्र-संस्करण के उत्पादन की कीमत मिलना आवश्यक है। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट ज्यादा लगे, इसके लिये उद्योगपति आगे आये, शासन द्वारा उन्हें हरसंभव सहयोग दिया जायेगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि खाद्य प्र-संस्करण में उत्पादन बढ़े। इतनी इण्डस्ट्री लगे कि कम से कम एक-एक उत्पाद सभी को प्राप्त हो सके। श्री मीणा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य प्र-संस्करण मिशन योजना प्रदेश में 2012 से लागू है। इसमें 75 प्रतिशत की दर से केन्द्रांश एवं 25 प्रतिशत की दर से राज्यांश उपलब्ध करवाया जाता था। वर्ष 2015-16 से खाद्य प्र-संस्करण की योजना भारत द्वारा डी-लिंक कर दी गयी है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री धवल रावल ने खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों और उत्पाद, उनकी गुणवत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग के संचालक श्री सत्यानंद ने सेमीनार के उद्देश्यों के बारे में बताया।
इस अवसर पर डायरेक्टर सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग श्री के.के. सिंह, प्रेसीडेंट मध्यप्रदेश कोल्ड-चेन इण्डस्ट्री एसोसिएशन श्री हसमुख जैन सहित बड़ी संख्या में उद्योगपति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री विपुल गजिंगवार ने किया।