भारत ने सभी देशों से आतंकवाद और इसके लिए धन मुहैया कराने की समस्या से प्रभावी रूप से निपटने का आह्वान किया
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गृह मंत्री अमित शाह ने सभी देशों का आह्वान किया है कि वे अपने भू-राजनैतिक हितों से ऊपर उठकर आतंकवाद और आतंकियों को धन आपूर्ति रोकने के लिए कारगर उपाय करें। उन्होंने कहा कि ऐसे देशों के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए जो आतंकवाद का समर्थन करने को अपनी राष्ट्र नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। आज नई दिल्ली में आतंकियों को धन मुहैया कराने पर रोक लगाने संबंधी तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि कुछ देश आतंकियों को निरंतर वित्तीय साधन मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कोई अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं है और सभी देशों को इस मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने सभी देशों से कहा कि वे आतंकवाद की चुनौती से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पारदर्शी ढंग से काम करें। उन्होंने कहा कि दुनिया के देशों को आतंकवाद और आतंकियों को धन के मुद्दे पर एक समान परिभाषा विकसित करने की आवश्यकता है।
श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद लोकतंत्र, मानवाधिकारों, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए सभी भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेडने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी, क्रिप्टो करेंसी और हवाला जैसे सुनियोजित अपराधों के बीच बढ़ते सम्पर्कों को देखते हुए आतंकियों को धन की आपूर्ति की आशंका कई गुना बढ़ गई है।
दो दिन के सम्मेलन में 70 से अधिक देशों और करीब साढे चार सौ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें मंत्री, बहुराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई बलों के प्रमुख शामिल थे।
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भारत ने सभी देशों से आतंकवाद और इसके लिए धन मुहैया कराने की समस्या से प्रभावी रूप से निपटने का आह्वान किया
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