भोपाल : गुरूवार, जनवरी 5, 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नये वर्ष में पुलिस प्रशासन को सभी प्रकार के माफिया का सफाया करने का लक्ष्य देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए पुलिस प्रशासन का प्रभावी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था विकास के लिए अनिवार्य शर्त है। श्री चौहान आज यहाँ पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उच्च-स्तरीय बैठक में नये साल की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रत्येक जिले में गणमान्य नागरिकों के साथ माह में एक बार कानून-व्यवस्था के संबंध में चर्चा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे पुलिस को भरपूर सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये एस.पी., आई.जी. और डी.आई.जी. के बीच समन्वय होना चाहिए। उन्होंने फील्ड में पदस्थ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी प्रकार के अपराधों, संगठित अपराधों, माफियाओं की सूची बनायें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अभियान चलाये। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी भी प्रकार से माफिया को समर्थन देने में लिप्त हैं उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करें।
बेटियों से छेड़छाड़ करने वालों को तत्काल गिरफ्तार करें
श्री चौहान ने बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले गुण्डा तत्वों को गिरफ्तार करें और उनके विरूद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऐसे कानून का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए। महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए बैतूल जिले में चलायी गयी “समर्थ संगिनी” जैसी पहल को अन्य जिलों में संचालित करने को कहा। बेटियों की खरीद-फरोख्त से जुड़े गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल करने के लिए ग्वालियर पुलिस की प्रशंसा की। उन्होंने हथियारों की खरीदी-बिक्री से जुड़े गिरोह को पकड़ने में रतलाम पुलिस की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में ऐसे गिरोहों पर नजर रखें, जो बेटियों की खरीद-फरोख्त का घिनौना काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में बेहतर कानून-व्यवस्था एवं पुलिस की उपलब्धियों की सराहना करते हुए नए वर्ष की प्राथमिकताएँ बतायीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पुलिस अन्य राज्यों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने सिंहस्थ में मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करने पर पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन की भूरि-भूरि सराहना की। उन्होंने कहा कि सिमी का नेटवर्क ध्वस्त हो गया है और नक्सलवादी गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश साम्प्रदायिक सदभाव और शांति के लिए जाना जाता है। इसे बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन सभी संबंधित वर्गों के साथ संवाद करे और उसके बाद यथोचित कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधियों के साथ संवाद से भी कानून व्यवस्था की समस्याएँ हल करने में मदद मिलती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में ऐसे समूहों के काम करने की सूचना मिली है जो निर्दोष लोगों को सरकार और सरकारी तंत्र के खिलाफ भड़का रहे हैं और उनमें नक्सलवादी गतिविधियों की तरफ रूझान पैदा कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे समूहों को चिन्हित कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा।
श्री चौहान ने कहा कि झुग्गी-बस्तियों पर नजर रखने की आवश्यकता है। यहाँ अपराधी पनाह ले सकते हैं। श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, दहेज कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानून में दर्ज प्रकरणों की जाँच निष्पक्षता से होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति में उनके प्रदर्शन को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि जो जवान अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उनके साथ नियमित संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पुलिस के निचले अमले के साथ नियमित संवाद की प्रक्रिया शुरू करें।
आम सूचना तंत्र मजबूत बनाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये प्रत्येक थाने का आम सूचना तंत्र मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र द्वारा एकत्रित महत्वपूर्ण सूचनाओं को सभी विभागों से भी साझा करने की जरूरत है ताकि वे भी सतर्क रहें और समय पर कार्रवाई कर सकें। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने अंतर्राज्यीय सूचना तंत्र का भी प्रभावी उपयोग करने को कहा।
सी.आई.डी. को और सुदृढ़ बनायें
श्री चौहान ने सी.आई.डी. की भूमिका पर नए संदर्भों में गंभीरता से विचार करने और इसे सुदृढ़ बनाने के भी निर्देश दिए। डिजिटल इकानॉमी के युग में सायबर क्राईम संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर अपराधों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम एक पुलिस थाने को सायबर क्राइम के प्रकरण हल करने में विशेषज्ञता वाला थाना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आम लोगों को भी संभावित सायबर अपराधों के संबंध में सचेत करने और इनसे बचने का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में हो रही मृत्यु के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए जिलों में हर महीने रोड सेफ्टी के संबंध में मीटिंग रखने को कहा। श्री चौहान ने मदिरा के सेवन से अपराध की प्रवृत्ति और दर बढ़ने के संबंध में बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश के संदर्भ में एक सर्वेक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि अध्ययन के बाद इस दिशा में कड़े निर्णय लिए जाएंगे।
जिला पुलिस अधीक्षकों से चर्चा
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये जिला पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को नए वर्ष की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस की उज्जवल छवि है। उन्होंने कहा कि जिलों में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण तब संभव होगा जब एस.डी.ओ.पी., सी.एस.पी. और पुलिस अधीक्षक लगातार मैदानी दौरा करेंगे और उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त पुलिस प्रशासन और माफियाओं का सफाया प्रमुख प्राथमिकताएँ हैं। सभी जिले में अपना लक्ष्य तय करें और सभी प्रकार के माफियाओं को समाप्त कर दें। यदि आई.जी. और एस.पी. आपस में समन्वय कर कार्य करें तो अपराधिक घटना नहीं होगी। इसके लिए सभी पुलिस थानों के नियमित निरीक्षण पर ध्यान दें। गरीबों, महिलाओं, किसानों, बेसहारों की शिकायतों को गंभीरता से लें और कार्रवाई करें।
हर जिला आपात-स्थिति प्रबंधन योजना बनाएँ
श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के लोगों के विरूद्ध अपराध पर समय से और प्रभावी कार्रवाई करें। साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए संबंधित वर्गों और समुदायों से संवाद बनाए रखें। तीज-त्यौहारों एवं अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक-धार्मिक महत्व के अवसरों को देखते हुए पहले से प्लानिंग करें। बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वालों के साथ सख्ती से पेश आयें। गुण्डा-गर्दी की घटनाओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाएँ। वारंट और समन की तामील शत-प्रतिशत होना चाहिए। चिट फण्ड कम्पनियों जैसी अन्य धोखाधड़ी करने वाली संस्थाओं पर पैनी नजर रखें ताकि लोग धोखे में न आयें। आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएँ। जेलों में सुरक्षा पर भी पुलिस अधीक्षक विशेष ध्यान दें। बिना किसी पूर्व अनुमति के धार्मिक स्थल का निर्माण न हो। हर जिला आपात-स्थिति प्रबंधन योजना तैयार रखें। रोड सेफ्टी के संबंध में नियमित रूप से जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर और एस.पी. हर महीने जिलों में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक रखें और पुलिस मुख्यालय को भी अवगत करवाएँ। उन्होंने कहा कि गोपनीय चरित्रावली कर्त्तव्य निष्पादन और प्रदर्शन के आधार पर लिखी जाना चाहिए। श्री चौहान ने डॉयल-100 के संचालन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके पहुँचने के समय में कमी लाने के प्रयास किए जाना चाहिए।
एमपी ई कॉप मोबाईल एप का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने बैठक में एमपी ई कॉप मोबाईल एप और पोर्टल का लोकार्पण किया। एप से आम लोगों को कई प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके माध्यम से गुम दस्तावेज एवं मोबाईल की घर बैठे पुलिस को सूचना दी जा सकती है। पुलिस को बगैर अपना नाम पता बताये गोपनीय सूचना दी जा सकती है। आपात स्थिति में सगे संबंधियों को एसएमएस जारी किया जा सकता है। महत्वपूर्ण दूरभाष नंबरों की सूचना इस एप में उपलब्ध है। गुम हुए सामान की रिपोर्ट को चेक किया जा सकता है। गुम हुए इंसान और अज्ञात शव के बारे में जानकारी ली जा सकती है। चोरी एवं बरामद वाहनों की जानकारी ली जा सकती है। इस एप को ओपन करने का लिंक http://citizen.mppolice.gov.in है। इसे गुगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने 2017 की प्राथमिकताओं के संबंध में कार्ययोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर नियंत्रण के लिए विशेष कार्य-योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा सायबर अपराधों की संभावना को देखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के लिए योजना बनाई जा रही है। सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर जारी आपत्तिजनक संदेशों को रोकने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव गृह श्रीमती सीमा शर्मा एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।