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26 august 2021 ki top news   
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प्रधानमंत्री मोदी ने उभरते कलाकार की थपथपाई पीठ, कहा- पेंटिंग की तरह आपके विचारों में भी सुंदरता

टीकाकरण अभियान, अनुशासन और 130 करोड़ भारतीयों के सम्मिलित प्रयास इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती प्रदान कर रहे हैं: प्रधानमंत्री

बेंगलुरू के छात्र स्टीवेन हैरिस ने एक चिट्ठी के साथ प्रधानमंत्री की दो खूबसूरत पेंटिंग बनाकर उन्हें भेजी थी

समाज में पॉजिटिविटी फैलाने के स्टीवेन के प्रयासों से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरू के छात्र स्टीवेन हैरिस को पत्र लिखकर उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग को सराहा है। दरअसल, इस 20 वर्षीय उभरते कलाकार ने एक चिट्ठी के साथ प्रधानमंत्री की दो खूबसूरत पेंटिंग बनाकर उन्हें भेजी थी। इसके जवाब में अब पीएम मोदी ने पत्र लिखकर स्टीवेन का हौसला बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा है कि रचनात्मक क्षेत्र में युवाओं की लगन और मेहनत को देखना अत्यंत सुखद है। पीएम ने स्टीवेन की तारीफ करते हुए लिखा कि आपकी पेंटिंग से आपमें चीजों को गहराई से अनुभव करने की प्रतिभा का पता चलता है। आपने जिस बारीकी से सूक्ष्म भावों को कैनवास पर उतारा है, उसे देखकर मन आनंदित हो जाता है।

साथ ही इस पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने स्टीवेन के विचारों की भी प्रशंसा की है। मौजूदा समय में लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और कुशल मंगल को लेकर स्टीवेन के विचारों की पीएम ने सराहना की है। साथ ही प्रधानमंत्री ने लिखा, “टीकाकरण अभियान, अनुशासन और 130 करोड़ भारतीयों के सम्मिलित प्रयास इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि समाज में पॉजिटिविटी फैलाने के स्टीवेन के प्रयासों से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी।

इससे पहले स्टीवेन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में बताया था कि वह पिछले 15 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं और विभिन्न स्तर पर 100 से अधिक पुरस्कार भी जीत चुके हैं। स्टीवेन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी प्रेरणा बताया है। साथ ही स्टीवेन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के टीकाकरण अभियान की भी तारीफ की थी।
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प्रधानमंत्री 28 अगस्त को जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री स्मारक में संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 28 अगस्त, 2021 को शाम 6:25 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री इस स्मारक में निर्मित संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इस आयोजन के दौरान समूचे परिसर को उन्नत करने के लिए सरकार द्वारा की गई अनगिनत विकास पहलों को भी दर्शाया जाएगा।

पूरे किए गए कार्य

लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्‍तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं। ये दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्‍न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्‍व को दर्शाती हैं। इन घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति दी जाएगी जिसमें मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला अधिष्ठापन भी शामिल हैं।

13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्‍न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्‍यवस्‍था की गई है।

इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं। पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं। शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है। इस बाग का केंद्रीय स्‍थल माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है, यहां स्थित तालाब को एक ‘लिली तालाब’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है, और लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है।

इसमें अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्‍त नव विकसित मार्ग; महत्‍वपूर्ण स्थानों को रोशन करना; देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य एवं चट्टानों युक्‍त निर्माण कार्य, इत्‍यादि; पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं। इसके अलावा मोक्ष स्‍थल, अमर ज्योत और ध्‍वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री, संस्कृति राज्य मंत्री, पंजाब के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री; हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री; पंजाब के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद; जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक न्यास के सदस्यगण, इत्‍यादि इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
=============================Courtesy============================केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ
किसानों व वैज्ञानिकों की ताकत से दुनिया में नंबर वन हो सकता है भारत – तोमर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने खाद्यान्न के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कृषि व सम्बद्ध उत्पादों में हमारा देश दुनिया में नंबर एक या दो पर है। हमारे किसानों व वैज्ञानिकों की इतनी ताकत है कि हम दुनिया में प्रतिस्पर्धा करें तो लगभग सभी जिंसों में नंबर एक हो सकते हैं। आज इतना उत्पादन व बढ़ती हुई उत्पादकता हम सब के लिए गौरव व प्रसन्नता का विषय है, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में हम ऐसे मुकाम पर खड़े है, जहां हमें आत्मावलोकन करने के साथ ही चुनौतियां तथा उनके समाधान पर विचार करना होगा। श्री तोमर ने यह बात किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। इसका आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने किया है।
मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि वर्षा आधारित व अन्य क्षेत्रों में कब-कौन सी खेती हो व किन बीजों को ईजाद किया जाएं, इस पर आईसीएआर सफलतापूर्वक काम रही है, यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि कृषि व किसान नई तकनीक से जुड़े। उत्पादन में हमारी महारत है लेकिन इस प्रचुरता को प्रबंधित करना भी महत्वपूर्ण है। हमारे उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हो, वैश्विक मानकों पर खरे उतरे, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, कम रकबे-कम सिंचाई में, पर्यावरण के मित्र रहते हुए पढ़े-लिखे युवा कृषि की ओर आकर्षित हो, यह सरकार के साथ किसानों की भी जिम्मेदारी है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कृषि विश्वविद्यालय व राज्य सरकारों के साथ ही भारत सरकार की कोशिश है कि किसान नई-नई चीजों को सीखे, नए बीज व तकनीकें उन तक पहुंचे लेकिन इसकी एक सीमा है, इसलिए सरकार के कृषि विस्तार कार्यक्रमों से किसान भी जुड़े तो सोने में सुहागा हो सकता है। केवीके से जुड़े किसान अन्य किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित करें व एफपीओ, एग्री इंफ्रा फंड, परंपरागत खेती के अंतर्गत जैविक खेती का रकबा बढ़ाने सहित विभिन्न योजनाओं में सभी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करें। हम सबकी कोशिश पूरे गांव को समृद्ध करने की होना चाहिए। इससे क्रमशः विकासखंड, जिला, राज्य और अंततः देश समृद्ध होगा व भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एक व्यापक दृष्टिकोण के आधार पर वर्ष 2014 से लगातार काम कर रहे हैं। मोदी जी की सरकार आने के समय भारत सरकार का कृषि का बजट लगभग 21 हजार करोड़ रूपए होता था, जिसे बढ़ाकर अब 1.23 लाख करोड़ रू. से अधिक कर दिया गया है। मोदी जी द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए भी वित्त आयोग के अनुदान की राशि लगभग पांच गुना कर दी गई है। कृषि हमारी प्रधानता है, कृषि ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता बार-बार सिद्ध की है। कोविड संकट के बावजूद कृषि का न कोई संस्थान बंद हुआ, न उत्पादन प्रभावित हुआ बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी ज्यादा बुआई व बंपर उत्पादन हुआ और सरकार ने पहले से ज्यादा उपार्जन किया है।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 75 सप्ताह तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है। हमारे देश की आजादी हमें आसानी से नहीं मिली, हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान किया, हंसते-हंसते फांदी के फंदों को चूम लिया, तब जाकर लहू से सनी हुई यह महत्वपूर्ण आजादी हम लोगों को प्राप्त हुई है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के साथ प्रधानमंत्री जी ने युवा पीढ़ी में देश के प्रति जज्बे को और मजबूत करना चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने हर क्षेत्र- हर जगह इस महोत्सव का लाभ देश की प्रगति के लिए लेने की जरूरत पर बल दिया है।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकरा ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कुपोषण की समस्या हल करने का संकल्प लिया है, साथ ही इस दिशा में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम हाथ में लिए हैं। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2023 को भारत के नेतृत्व में पोषक-अनाज वर्ष मनाया जाएगा, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र ने बताया कि आईसीएआर द्वारा अधिकाधिक किसानों के बीच कृषि संबंधी उपलब्धियां महोत्सव के दौरान बताई जाएगी, साथ ही उन्हें लाभान्वित किया जाएगा। आईसीएआर के उप महानिदेशक डा. ए.के. सिंह ने कार्यक्रमों की रूपरेखा बताई।

कार्यक्रम से आईसीएआर के सचिव श्री संजय गर्ग, सभी उपमहानिदेशक-सहायक महानिदेशक तथा अन्य अधिकारी-वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, अन्य कृषि संस्थानों के अधिकारी एवं देशभर के सभी केवीके में मौजूद हजारों किसान वर्चुअल जुड़े थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने महोत्सव के कार्यक्रमों व गतिविधियों के संकलन पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया।
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वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की दूसरी बैठक की वर्चुअल माध्यम से अध्यक्षता की
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज ब्रिक्सकी भारतीय अध्यक्षता के अंतर्गत वर्चुअल माध्यम से आज यहां भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास के साथ ब्रिक्स फाइनेंस मिनिस्टर्स एंड सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ब्रिक्स लीडर्स समिट 2021 के पहले इस साल के ब्रिक्स फाइनेंस एजेंडे के मुख्य निष्कर्षों पर चर्चा और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए हुई है। इसमें ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने भाग लिया।
वित्त मंत्री ने ब्रिक्स के अपने समकक्षों के साथ अंतर-ब्रिक्स सहयोग के मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा की जो ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं के सुधार को समर्थन देने और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अहम होंगे, वहीं इनसे भविष्य की अनिश्चितताओं और खतरों से सुरक्षा मिलेगी। श्रीमती सीतारमण ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट से निपटने में ब्रिक्स अहम भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा।

बैठक के दौरान, एफएमसीबीजी ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के बयान तथा महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में ब्रिक्स देशों के नीतिगत अनुभवों के औपचारिक ब्योरे के साथ कोविड-19 संकट पर प्रतिक्रिया का अनुमोदन किया गया। अध्यक्ष के रूप में, श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वैश्विक समुदाय के सामने भारत इस बयान को काफी महत्व देता है, क्योंकि इससे महामारी के बाद के सुधार पर वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत संवाद को रेखांकित करने वाले महत्वपूर्ण पहलुओं पर ब्रिक्स देशों के विचारों को सर्वसम्मति से एक आवाज मिलती है।

इसमें एक “सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तकनीक रिपोर्ट: डिजिटल तकनीकों को वित्तपोषण और उपयोग” का भी अनुमोदन किया गया। यह रिपोर्ट सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोगात्मक ज्ञान साझा करने की दिशा में एक विशेष कवायद है, जिसमें विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों की सरकारों द्वारा पहुंच बढ़ाने और सेवा आपूर्ति में सुधार में डिजिटल तकनीकों के उपयोग से जुड़ा विवरण भी शामिल है। ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने सीमा शुल्क से जुड़े मामलों में कोऑपरेशन एंड म्युचुअल एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टैंस (सीएमएए) के विवरण पर बातचीत के निष्कर्षों के साथ ही सीमा शुल्क से संबंधित अन्य मामलों की प्रगति पर विचार-विमर्श का भी स्वागत किया।

आरबीआई गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने बैठक में केंद्रीय बैंकों से जुड़े मुद्दों और उनके निष्कर्षों पर हुए विचार-विमर्श की अध्यक्षता की, जिनमें वित्तीय समावेशन, कंटिंजेंस रिजर्व अरैंजमेंट (सीआरए) और सूचना सुरक्षा सहयोग शामिल हैं।

श्रीमती सीतारमण और श्री दास ने ब्रिक्स फाइनेंस के महत्वपूर्ण और प्रासंगिक वितरण को तैयार करने के साथ ही अंतिम रूप देने में भारतीय अध्यक्षता को अपना सहयोग व समर्थन देने के लिए ब्रिक्स देशों की सराहना की।
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केंद्रीय गृह सचिव ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए केरल और महाराष्‍ट्र की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की
केंद्रीय गृह सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से एक बैठक की अध्‍यक्षता कर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए केरल और महाराष्‍ट्र की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की।

बैठक के दौरान, केरल और महाराष्‍ट्र में कोविड-19 की स्थिति के समग्र प्रबंधन के बारे में चर्चा की गई। केंद्रीय गृह सचिव ने संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्‍य सरकारों की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और पाया कि संक्रमणों में वृद्धि पर काबू पाने के लिए और ज्‍यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसके लिए उच्‍च संक्रमण वाले भौगोलिक क्षेत्रों में कॉटेंक्‍ट ट्रेसिंग, टीकाकरण अभियानों और कोविड की दृष्टि से उपयुक्‍त व्‍यवहार जैसे उपायों के जरिए उपयुक्‍त हस्‍तक्षेप किए जाने की आवश्‍यकता होगी। उन्‍होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्‍य सरकारों को अधिक पॉजिटिव मामलों वाले क्षेत्रों में रात का कर्फ्यू लगाने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए।

राज्‍य सरकारों को सलाह दी गई कि वे अपने यहां चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान जारी रखें तथा यदि उन्‍हें और ज्‍यादा टीकों की आवश्‍यकता है, तो जहां तक संभव होगा, उन्‍हें और ज्‍यादा टीके उपलब्‍ध कराए जाएंगे। हालांकि प्राप्‍त हो चुकी टीकों की खुराकों का उपयोग करने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। इस बात पर भी बल दिया गया है कि टीकाकरण के साथ-साथ कोविड की दृष्टि से उपयुक्‍त व्‍यवहार जारी रखने के लिए भी प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए तथा आने वाले त्‍यौहारों के दौरान ऐसे आयोजन करने से बचना चाहिए, जिनमें बड़ी संख्‍या में लोगों को एक ही स्‍थान पर जमा होने की आशंका हो। यह परामर्श भी दिया गया है कि दोनों राज्‍यों के उन स्‍थानों पर परीक्षण बढ़ाना चाहिए, जहां पॉजिटिविटी दर ऊंची बनी रही है। अगले कुछ महीनों में वायरस के संक्रमण के स्‍तरों में कमी लाने पर भी ध्‍यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि संक्रमण की श्रृंखला को ज्‍यादा कारगर ढंग से रोका जा सके।

इस बैठक में डॉ. वी.के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग; सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार; निदेशक, राष्ट्रीय संचारी रोग केंद्र (एनसीडीसी) तथा केरल और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों ने भाग लिया।
==========================Courtesy===============================आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में श्रीरामेश्वर तेली ने 75 प्रतिष्ठित नागरिकों को सम्मानित किया
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने की भारत सरकार की पहल के रूप में चल रहे ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और श्रम और रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने असम के शिवसागर, जोरहाट और गोलाघाट जिलों के 75 प्रतिष्ठित नागरिकों को 25 अगस्त, 2021 को ओएनजीसी कार्यालय परिसर, नजीरा में सम्मानित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री तेली ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता को आज़ादी अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का विचार भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संकल्पित किया गया है। भारत की स्वतंत्रता के इस महत्वपूर्ण वर्ष को मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों, कृषि, विज्ञान, खेल, शिक्षा और समाज सेवा सहित राष्ट्र के विकास के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया है।

कार्यक्रम में असम के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री, पहाड़ी क्षेत्र विकास, खान और खनिज मंत्री श्री जोगेन मोहन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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26 august 2021 ki top news   
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