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श्योपुर शहर सहित प्रभावित ग्रामों का पुनर्निर्माण होगा: मुख्यमंत्री चौहान        todayindia,todayindia news,today india,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,newsdiary,mpnewsdiaryबाढ़ प्रभावित श्योपुर जिले को तेजी से उबारने के प्रयास होगें-केन्द्रीय मंत्री तोमर
श्योपुर में प्रभावितों से मिले मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री तोमर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज श्योपुर में नगरपालिका के मैरिज गार्डन में बाढ़ प्रभावित लोगों मिलकर उन्हें ढाँढस बंधाया तथा हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि श्योपुर शहर सहित सभी प्रभावित ग्रामों का पुर्निर्माण कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि संकट बड़ा है, पर सरकार आपके साथ खड़ी है। चिंता की कोई बात नहीं है। इस संकट से हम जरूर उबरेंगे। शासन, प्रशासन सब प्रकार की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने तात्कालिक रूप से सहायता करने वाले श्योपुर के विभिन्न समाज-जन, व्यापारियों आदि को धन्यवाद दिया और कहा कि जिसका भी नुकसान हुआ है, हर एक की मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि आप संकट में थे, तो मैं भी चैन की नींद नहीं सोया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नुकसान का पारदर्शी सर्वे कराये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं। कोई भी प्रभावित छूटना नहीं चाहिए, चाहे सर्वे दो बार या तीन बार करना पड़े। प्रशासन को निर्देश दिए गए कि उदारतापूर्वक सर्वे का कार्य किया जाए, जिनके मकान टूटे हैं अथवा ध्वस्त हो गये हैं, उन्हें मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि दिये जाने का प्रावधान किया है। यह राशि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के प्रभावितों को दी जावेगी। 6-6 हजार रूपयें की राशि तात्कालिक रूप से आवास व्यवस्था तथा गृहस्थी के सामान के लिए 5-5 हजार रूपये की राशि प्रदाय कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों के नुकसान के लिए सर्वे कराया जाएगा तथा क्षति का आंकलन कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। किसी भी व्यक्ति की राहत राशि में से कोई भी बैंक किसी भी प्रकार की राशि नहीं काटेगा। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया। बाढ़ प्रभावित व्यापारियों से चर्चा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन व्यापारियों, दुकानदारों का पानी के कारण नुकसान हुआ है। उनके लिए भी कुछ न कुछ रास्ता निकाला जाएगा। व्यापार पुन: चालू करने के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराये जायेंगे तथा ब्याज की राशि शासन द्वारा वहन की जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शहर की जो निचली बस्तियाँ एवं ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे गाँव, जो डूब क्षेत्र में संभावित है, को उपयुक्त जमीन देकर बसाने की कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ के समय में क्षेत्रीय सांसद केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की।

केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि श्योपुर एवं शिवपुरी जिलों में अन्य जिलों की अपेक्षा अतिवृष्टि एवं बाढ़ का प्रभाव अधिक रहा है। हजारों लोग प्रभावित हुए है। सरकार सबकी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने मेरे निवेदन पर तत्काल इन्दौर, ग्वालियर, मुरैना आदि स्थानों से उपकरण एवं मशीनरी तथा सफाई कर्मचारियों को श्योपुर भेजकर राहत पहुँचाने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने सभी प्रभावितों की समस्याओं को सुना तथा हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। साथ ही छोटे बच्चों के लिए 05 हजार ड्रेस तथा 10 हजार साड़ियाँ बाढ़ पीडितों तक पहुँचाने के लिए दी।

ललिता, पाना, शंकर एवं फारूक को बंधाया ढाँढस

मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने इस दौरान श्रीमती ललिता बाई, श्रीमती पाना बाई, श्री शंकर वाल्मीक एवं श्री फारूक अब्बासी आदि प्रभावितों से बातचीत की। श्री चौहान और श्री तोमर ने शिविर में की सुविधाओं का अवलोकन भी किया।

प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुर्नवास कार्य जारी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्योपुर तहसील के बाढ़ प्रभावित ग्राम सरोदा में पीड़ित परिवारों से कहा कि राहत एवं पुर्नवास के कार्य त्वरित गति से चलाये जा रहे हैं। कुल 52 करोड़ रूपयें की राशि चंबल एवं ग्वालियर संभाग के प्रभावित जिलों में बाढ़ प्रभावितों की मदद हेतु जारी की गई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीप एवं अहेली नदियों के बाढ़ प्रभावितों के लिए कोई कोर कसर नही छोडी जावेगी। बड़ौदा एवं मानपुर क्षेत्र के सभी गांवों में राहत कार्य चलाये जा रहे हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल, पुलियाओं के निर्माण चल रहे हैं। नदी किनारे की बसाहटों के पुर्नवास के लिए ग्रामीणों की सहमति से योजना बनाई जाएगी। कूनो-सीप नदी के टूटे पुलों को शीघ्र बनवाकर यातायात सुचारू किया जाएगा। बाढ़ से खेतों में जमा शिल्ट को सरकारी खर्चे पर हटाया जायेगा। सर्वे पारदर्शी होगा। क्षतिग्रस्त चंबल नहर की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मप्र सरकार बाढ़ पीडित परिवारों के साथ है। बाढ़ से प्रभावित एक-एक व्यक्ति की मदद की जावेगी। क्षेत्रीय विधायक श्री बाबू जण्डेल ने बाढ़ प्रभावितों की समस्याओ सें संबंधित ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विभिन्न विभागो द्वारा लगाये गये स्टॉल से पीडित परिवारों को सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई। प्रतिकात्मक रूप से स्वीकृति 05 हितग्राहियों को पत्र दिये गये।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरोदा कार्यक्रम में सरोदा एवं बहरावदा के 05 हितग्राही श्यामबाबू, रघुवीर, रामभजन, दिनेश मीणा, कैलाशी बाई को आवास, गृहस्थी का सामान, मकान, किराया आदि के लिए प्रत्येक को 01 लाख, 12 हजार 470 रूपयें की राशि के स्वीकृति पत्र प्रतिकात्मक रूप से प्रदान किये गये।

इसके पूर्व श्योपुर जिले के 1869 हितग्राहियों के खाते में 05 करोड़ 40 लाख की राशि अतंरित की गई।

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बाढ़ आपदा के संकट से बाहर निकालने का कार्य हम करेंगे : मुख्यमंत्री चौहान
शिवपुरी जिले के मगरौनी में बाढ़ प्रभावितों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अति वर्षा से प्रभावित हुए लोगों को सहायता देने में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। सभी पीड़ितों को आपदा के संकट से पार निकालने का कार्य सरकार तेजी से कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरूवार को शिवपुरी जिले के मगरौनी के जवाहर नवोदय विद्यालय प्रांगण में बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक सहायता भी प्रभावितों के खातों में पहुँचाई गई है। लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़, विधायक श्री वीरेन्द्र रघुवंशी सहित जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में आज 23 करोड़ 19 लाख रूपए की राशि अंतरित की गई है। अब तक सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के खातों में 52 करोड़ रूपए से अधिक की सहायता राशि पहुँचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों की मदद और खराब हुई अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिये प्रदेश सरकार ने तीन सूत्रीय रणनीति बनाई है जिसमें प्रभावित परिवारों के नुकसान की भरपाई करने के लिये उन्हें राहत, दूसरा काम जिनके मकान बाढ़ में उजड़ गए हैं उन्हें नए मकान बनाकर पुनर्वास और तीसरा काम बाढ़ से ध्वस्त हुई अधोसंरचना जिनमें सड़क, विद्युत लाइन, पुल-पुलिया, अस्पताल, स्कूल व आँगनबाड़ी भवन आदि बनाए जायेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिये एक लाख 20 हजार रूपए, दुधारू पशु की मृत्यु पर 20 हजार रूपए और बकरा-बकरी की मृत्यु पर 3 हजार रूपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसके साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार प्रावधानों के तहत करेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार बाढ़ आपदा के संकट से उन्हें उबारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। जिनके मकान ध्वस्त हुए हैं उन्हें मकान बनाने के लिये सहायता दी जायेगी। तात्कालिक रूप से भी हर संभव मदद सरकार ने उपलब्ध कराई है। अति वर्षा के कारण जिनकी खेतीबाड़ी प्रभावित हुई है उसका भी सर्वेक्षण कराकर यथा संभव मदद उपलब्ध कराई जायेगी।

बाढ़ से शिवपुरी जिले में हुए नुकसान की दी जानकारी

संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को शिवपुरी जिले में अति वर्षा से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिवपुरी जिले में कुल 764 गाँव प्रभावित हुए हैं। जिले में 17 जन हानि हुई, जिनमें से 16 प्रकरणों में 4– 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। जिले में प्रारंभिक रूप से हुए सर्वेक्षण में 462 पशु हानि की जानकारी सामने आई है, जिनमें से 160 पशुओं का सत्यापन कर 34 लाख 84 हजार 500 रूपए की सहायता वितरित की गई है। बाढ़ प्रभावित 7,682 व्यक्तियों को 50-50 किलो खाद्यान्न प्रति परिवार के मान से वितरित कराया गया है। साथ ही कच्चे मकानों के लिये 4400 व्यक्तियों को एक करोड़ 27 लाख 54 हजार 400 रूपए की सहायता दी जा चुकी है।

जिले में पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिये 6 हजार रूपए प्रति व्यक्ति के मान से 482 व्यक्तियों को 27 लाख 90 हजार रूपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है। प्रशासन और अशासकीय संगठनों के माध्यम से भोजन पैकेट, आटा, खाद्यान्न पैकेट, बिस्किट, मैगी, कपड़े, साड़ी और बर्तन भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिले में 20 स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर और 16 स्थानों पर पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ-सफाई और क्लोरोनाईजेशन का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में नगरीय क्षेत्र के पात्र 52 व्यक्तियों के आवास प्रस्ताव नगरीय प्रशासन को भेजे गए हैं।

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जितने तरह की क्षति, उतने ही तरह की राहत देंगे : मुख्यमंत्री चौहान
हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने का होगा कार्य
बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों के खाते में 23.19 करोड़ रूपये से अधिक की राहत राशि का वितरण
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने में सहायता देंगे। राहत राशि और अन्य सहायता का कार्य पूरी पारदर्शिता और संजीदगी के साथ होगा। पीड़ित जनता के लिए हम बेहतर सहारा बन सकें, इसके ईमानदार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में 52 करोड़ रूपए से अधिक राशि पहुँचा चुकी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज श्योपुर जिला मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ प्रभावितों के खातों में ऑनलाइन 23 करोड़ 19 लाख रूपये से अधिक की राशि का अंतरण कर बाढ़ प्रभावित लोगों से वर्चुअली संवाद किया। केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

चिंता न करें आप सबको संकट से पार निकालकर ले जायेंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक तंगी जरूर है, पर चिंता न करें आप सबको बाढ़ आपदा के संकट से पार निकालकर ले जायेंगे। प्रदेश सरकार राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। बाढ़ से हुए हर प्रकार के नुकसान की भरपाई करने की सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। सरकार ने तत्काल सर्वे कराकर राहत पहुँचाने का काम किया है, जिसमें समाज का भी सहयोग मिला है। तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक राहत भी खातों में पहुँचाई गई है।

सहायता के लिए तीन सूत्री रणनीति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों की मदद और खराब हुई अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिये प्रदेश सरकार ने तीन सूत्री रणनीति बनाई है। पहला काम हर बाढ़ प्रभावित परिवार के नुकसान की भरपाई करने के लिये राहत, दूसरा काम जिन लोगों के मकान बाढ़ में उजड़ गए हैं उनके फिर से नए मकान बनवाकर पुनर्वास और तीसरा काम बाढ़ से ध्वस्त हुई अधोसंरचना मसलन सड़क, विद्युत लाईन, पुल-पुलिया, अस्पताल, स्कूल और आंगनबाड़ी भवन इत्यादि बनवाना। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुँचाने के लिये सरकार ने 12 विभागों को जोड़कर टास्क फोर्स बनाया है। उन्होंने कहा तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिये एक लाख 20 हजार, दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार, बैल की मृत्यु पर 25 हजार, बकरा-बकरी इत्यादि की मृत्यु पर 3 हजार रूपए की आर्थिक राहत दी जा रही है। साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार आरबीसी के प्रावधानों के तहत करेगी।

दावे-आपत्तियों का निराकरण सुनवाई कर करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी प्रभावित जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता एवं संजीदगी के साथ पूर्ण कराएँ। सर्वे सूची पंचायत भवन पर चस्पां कर दावे-आपत्तियाँ ली जाएं। साथ ही प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण विधिवत सुनवाई कर किया जाए, जिससे सभी संतुष्ट हो सकें। उन्होंने स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों से भी इस काम में सहयोग करने का आग्रह किया।

खेतों में जमा हुई सिल्ट सरकार अपने खर्चे पर हटवायेगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि जिन किसानों के खेतों में बाढ़ की वजह से सिल्ट जमा हो गई है उसे हटवाने का काम भी सरकार अपने खर्चे पर करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब इन जिलों में बाढ़ आई तब हमने तत्काल बचाव और राहत के प्रयास किये। जिंदगियाँ तो बचा लीं लेकिन माल नहीं बचा पाये। कई पशु बह गये। फसलों की क्षति हुई। सड़कों, पुल-पुलियाओं की क्षति हुई। अधोसंरचना ध्वस्त हुई। पहले कभी इन जिलों में ऐसी आपदा नहीं आई थी। बाढ़ से जिंदगी अस्त-व्यस्त जरूर हुई है, लेकिन राज्य सरकार फिर से जनजीवन को सामान्य बनाने और लोगों को जरूरी राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ के तत्काल बाद प्रभावित जिलों के स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधियों ने पूरी मदद की। आपदा दलों ने जान हथेली पर रखकर पीड़ित लोगों का सहयोग किया।

आपदा के समय सरकार ने मदद पहुँचाने की हरसंभव कोशिश की

केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति पर किसी का जोर नहीं चलता। पर हर लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि आपदा के समय प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द हर संभव मदद पहुँचाए। इस पैमाने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह खरी उतरी है। केन्द्र सरकार ने भी इसमें हरसंभव मदद की है। समाज ने भी इस आपदा से निपटने में हाथ बँटाया है।

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्राम, गरीब और किसान की प्राथमिकता से सहायता की है। बाढ़ प्रभावितों को भी उन्होंने बढ़-चढ़कर सहायता देने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा भी कर रहे हैं। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रयासों में पीछे नहीं रहते। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन पूर्ण रूप से सुगम हो जायेगा।

हितग्राहियों से मुख्यमंत्री श्री चौहान का संवाद

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ जिलों के बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी किया। हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि हमें समय पर पूरी मदद मिल रही है। ग्वालियर जिले के डबरा के श्री लाखन सिंह ने कहा कि उन्हें 50 किलो आटा, राहत राशि प्राप्त हो गई है। श्री संजय तोमर ने बताया कि ग्राम बरखेड़ी टापू बन गया था। एक पक्के मकान में सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रति मकान 1 लाख 20 हजार रूपये की सहायता प्रदान कर रहे हैं। राहत और पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया जिले के ग्राम कोटरा के श्री विक्रम से भी चर्चा की। विक्रम ने बताया कि उन्हें अनाज और अन्य सहायता प्राप्त हो चुकी है। गुना जिले के श्री राजू अहिरवार ने बताया कि श्यामपुर ग्राम में 30-35 घर हैं। उसके घर की दीवार गिर गई है और पानी भरने से सामान का नुकसान हुआ था। उसे 30 हजार रूपये की सहायता प्राप्त हो गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से अशोक नगर के श्री असलम ने भी बातचीत की। हितग्राही असलम ने बताया कि उसे मकान के क्षतिग्रस्त होने के 6 हजार रूपये और सामान क्षतिग्रस्त होने के 5 हजार रूपये एवं 50 किलो अनाज की सहायता मिली है।

राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत वीडियो कांफ्रेंसिंग से राहत राशि वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

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संगीत विश्वविद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा में ललित कलाओं, को शामिल कराने में स्कूलों का मार्ग दर्शन करें
आत्मा के ताप को शांत करना ही संगीत है : श्री मंगुभाई पटेल
राज्यपाल ने संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि संगीत विश्वविद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा में ललित कलाओं, गीत संगीत को शामिल कराने में स्कूलों का मार्ग दर्शन और सहयोग करें। उन्होंने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश के शैक्षणिक जगत को नया आयाम दिया है। हमारी मौलिक परंपराओं, सांस्कृतिक विरासत के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा व्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। आवश्यकता नई सोच और नवाचारों के साथ प्रयास की है।

राज्यपाल श्री पटेल राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के 14वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को आज राजभवन से आभासी माध्यम द्वारा संबोधित कर रहे थें।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। संगीत के स्वर, ध्वनि और भाव ईश्वर अराधना का माध्यम है। भारतीय संगीत का जो रूप है, उसके बीज वैदिक काल में ही पड़ चुके थे। सामवेद उन वैदिक ऋचाओं का संग्रह है, जो गाये जा सकते हैं। प्राचीन काल से ही ईश्वर की अराधना हेतु भजनों के प्रयोग की परम्परा रही है। यहां तक कि यज्ञ आदि के अवसर पर भी समूह गान होते थे। उन्होंने कहा कि संगीत शारीरिक और मानसिक रुप से हमें स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत बनाने का अभूतपूर्व अवसर दिया है। संगीत दो आत्माओं के बीच के अनंत को भरता है। मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। उन्होंने कहा है कि कलाएं केवल मनोरंजन मात्र नहीं है, ये संस्कृति और सभ्यता को समृद्ध करती है। संस्कृति से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि अपनी साधना, अनुसंधान और नवाचारों से भारतीय लोक कलाओं की समृद्ध विरासत के संरक्षण और संवर्धन में योगदान करें। भारतीय संस्कृति की जीवंतता, निरंतरता और समृद्धता में सहयोग करें।

पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि संगीत परमात्मा की साधना का माध्यम है। संस्कृति की रीढ़ है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत बनाने में विश्वविद्यालय को पहल करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि उज्जैन में सांदीपनी आश्रम में 64 कलाओं की जानकारी की व्यवस्था की गई है। इन सभी कलाओं के संबंध में संक्षिप्त शैक्षणिक कोर्स शुरु करने के संबंध में आम जन से मांग प्राप्त हो रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में पहल की सम्भावनाओं को तलाशने के लिए कहा है।

सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना अविस्मरणीय घटना है। इसी दिन ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। एक दिन में दो विश्वविद्यालय की स्थापना की यह महत्त्वपूर्ण घटना थी। उन्होंने कहा कि कला संस्कृति का आईना होती है। ईश्वर की अराधना का साधन होती है। विश्वविद्यालय मानवता के निर्माण का कार्य कर रहा है। ऐसी मान्यता है कि कला से जुड़ कर ही व्यक्ति मनुष्य बनता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कलाकारों और कला को तराशने और निखारने का कार्य जिस सफलता के साथ कर रहा है, आगे भी करेंगा।

कुलपति साहित्य कुमार नाहर ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि विगत 13 वर्षो से विश्वविद्यालय संगीत, नृत्य, ललित कला, एवं रंगमंच के पठन-पाठ्न और कलात्मक प्रचार का कार्य कर रहा। कला सेवा और साधना के उन्नयन के विकास पथ पर निरंतर अग्रसर है।

कुल सचिव श्री कृष्ण कांत शर्मा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन का वाचन किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय महाविद्यालय 23 हजार विद्यार्थी संगीत, ललित, नृत्य कलाओं में अध्ययन कर रहे है। विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अग्रसर है। यहॉ के 9 विद्यार्थियों को शोध उपाधि मिली है और 101 शोधरत है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह में भी प्रस्तुति के अवसर मिले हैं। श्री सुनील ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रंजना टोरपें ने किया।

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मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर किया नमन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास पर श्री शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।

भारत के 9वें राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त, 1918 को भोपाल में हुआ था। राष्ट्रपति बनने से पूर्व आप भारत के 8वें उप राष्ट्रपति भी रहे। डॉ. शंकरदयाल शर्मा मध्यप्रदेश के पहले ऐसे व्यक्ति रहे, जो अपनी विद्वता, समर्पण और देश-प्रेम के बल पर भारत के राष्ट्रपति बने। इन्होंने ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम’ में भाग लिया था। डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने 1992 में भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण किया था। वर्ष 1971 तथा 1980 में उन्होंने भोपाल से लोक सभा की सीट जीती। 9 अक्टूबर 1999 को उनका अवसान हुआ।

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भारत सरकार द्वारा अटल प्रोग्रेस-वे की अधिसूचना जारी
अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान
भारत शासन के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने आज मध्यप्रदेश की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेस-1 में शामिल करने की स्वीकृति जारी की है। चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूर्णतः नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलो मीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झाँसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेस -1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी का आभार माना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आस-पास इंडस्टियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा। जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।

उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के निर्माण से झाँसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्यप्रदेश के 3 जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में अवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा।

एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक क्षेत्रों का होगा विकास

चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाये जाने वाले इस नये एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को 7 विभिन्न पैकजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है।

सात हजार करोड़ की निविदायें शीघ्र: मंत्री श्री गोपाल भार्गव

लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने केन्द्र सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की निविदाएँ अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। मंत्री श्री भार्गव ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस परियोजना में ली गई सतत रूचि एवं समीक्षा बैठकों को श्रेय देते हुए बताया कि पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी एवं पूर्णतः नये सिर से बनाये जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, डीपीआर निर्माण और भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है।

इस परियोजना का निर्माण एन.एच.ए. आई. द्वारा किया जायेगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन द्वारा रिकार्ड 4 महीने में डीपीआर बनाकर भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रिकॉर्ड समय में पूर्ण कर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय (एन.एच.ए.आई) को आधिपत्य दिया जा चुका है।

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मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट उद्यान में नीम का पौधा रोपा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में नीम का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने संकल्प के परिपालन में प्रतिदिन पौधा रोपण करते हैं।

एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधिके रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से भी नीम बहुत उपयोगी है।

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