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“असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह” का प्रकाशन अभिनंदनीय प्रयास – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,mpnews,madhyapradesh news,MPVaccinationMahaAbhiyan,todayindia,today indiaमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति, संस्कार, जीवन मूल्य और शिष्टता यह कहती है कि शब्दों का उचित चयन होना आवश्यक है। संसद तथा विधानसभा में विभिन्न विषयों को प्रस्तुत करते समय कभी-कभी क्रोध, आवेश या आक्रोश में ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो सामान्य शिष्टाचार की परिधि के बाहर होते हैं। शब्दों का चयन ऐसा होना चाहिए, जिससे कोई आहत न हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान विधानसभा सचिवालय द्वारा तैयार की गई पुस्तक “असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह” के विमोचन अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा स्थित मानसरोवर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, नेता प्रतिपक्ष श्री कमल नाथ, गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तथा पूर्व संसदीय कार्य मंत्री व प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संसद और विधानसभा प्रजातंत्र के मंदिर हैं। यहाँ सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिकार है। संसद में श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री इंद्रजीत गुप्त, श्री सोमनाथ चटर्जी जैसे सांसदों की समृद्ध परम्परा रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा में भी वरिष्ठ और अनुभवी वक्ताओं के वक्तव्य हुए हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा “असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह” पुस्तक का प्रकाशन अभिनंदनीय प्रयास है। इससे विधायकों और सदन की गरिमा बढ़ेगी। यह पुस्तक सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

पुस्तक विमोचन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, नेता प्रतिपक्ष श्री कमल नाथ, प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने भी अपने विचार रखे। shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,mpnews,madhyapradesh news,MPVaccinationMahaAbhiyan,todayindia,today india

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