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कोविड से बचाव के तरीकों पर विद्यार्थी चलाएँ जन-जागरण अभियान : मुख्यमंत्री चौहान
shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,mpnews,madhyapradesh newsप्रभार के जिलों में जन-जागरण अभियान को नेतृत्व प्रदान करें मंत्री
शालाओं और परीक्षाओं के संचालन पर निर्णय के लिए मंत्री – समूह गठित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व किया संबोधित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्री-मंडल के सदस्यों की कड़ी मेहनत और टीम वर्क के परिणामस्वरूप ही प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में आया है। अब हम सुविधाजनक स्थिति में हैं। इसी का परिणाम है कि कल 1078 पॉजिटिव केस आए, पॉजिटिविटी रेट 1.5 प्रतिशत हो गया है और 4 हजार 120 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। रिकवरी रेट 96.36 प्रतिशत हो गया है, जो संतोषजनक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अब लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए लगातार प्रेरित करना होगा। इसके लिए प्रदेश की छात्र शक्ति को आगे आना होगा। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ जन-जागरण अभियान में ली जाएँगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले माननीय मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे-मातरम् के गान के साथ आरंभ हुई।

मंत्रि-परिषद के सभी सदस्य बधाई के पात्र

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अलीराजपुर में कल एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया। प्रदेश के 36 जिलों में 10 से कम केस आए हैं। हमारा लक्ष्य 31 मई तक 0% केस की स्थिति में पहुँचने का था। प्रदेश के 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आने का मतलब यह है कि हम लक्ष्य के पास पहुँच गए हैं। केवल भोपाल और इंदौर में पॉजिटिविटी दर 5% से अधिक है। इन दोनों शहरों में अलग रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सक्रियता और जनता के साथ मिलकर काम करने की वजह से ही प्रदेश इस स्थिति में पहुँचा है। इस संतोषजनक स्थिति के लिए मंत्रि-परिषद के सभी सदस्य बधाई के पात्र है।

वातावरण निर्माण के लिए जिलों का दौरा करेंगे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना को लॉक करना है। अतः कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को अपनाने के लिए लोगों के बीच वातावरण बनाना होगा। मंत्रि-परिषद के सभी सदस्यों का यह दायित्व है कि इस दिशा में वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करें। कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, दुकानों के आगे गोले बनाने जैसी गतिविधियों को लोगों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस दिशा में वातावरण बनाने के लिए वे स्वयं भी कुछ जिलों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्री-परिषद के सभी सदस्य अपने-अपने प्रभार के जिलों का दौरा करें। जनता से संवाद करें, अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दें और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए लोगों को प्रेरित कर अपनी जिम्मेदारी निभाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री-परिषद के सदस्य गणों को वैक्सीनेशन के लिए अपने-अपने प्रभार के जिलों में जन-जागरण पर केंद्रित अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

शिक्षा व्यवस्था के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा कर प्रस्तुत करें सुझाव

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रबंधन के लिए छह मंत्री- समूह बनाए गए हैं। यह समूह टीकाकरण, अस्पताल प्रबंधन, जन-जागरण, वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन उत्पादन और उपलब्धता की दिशा में लगातार कार्य करते रहें। सप्ताह में एक बार प्रत्येक मंत्री- समूह की बैठक आवश्यक रूप से हो। इसके अतिरिक्त सातवाँ मंत्री समूह शिक्षा के लिए बनाया गया है। शिक्षा देने के क्या विकल्प हो सकते हैं, परीक्षाओं का संचालन कैसे हो, क्या बड़े बच्चों को सीमित संख्या में शाला आने की अनुमति दी जा सकती है? इस संबंध में यह समूह विचार करेगा। इस समूह में खेल एवं युवा कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं गैस राहत मंत्री श्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, आयुष राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कावरे विचार-विमर्श करें। इस दिशा में टेक्नोलॉजी का क्या उपयोग किया जा सकता है, इस पर विचार करें और विशेषज्ञों से चर्चा कर सुझाव प्रस्तुत करें। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का एक अलग मॉडल बने, जो देश में एक उदाहरण हो।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में कार्य पुनः आरंभ किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य अधोसंरचना को सशक्त करने के लिए बने वार्डों तथा अन्य सुविधाओं का तत्काल वर्चुअल शिलान्यास और लोकार्पण कर कार्य आरंभ किया गया है। ये व्यवस्थाएँ जनता में विश्वास पैदा करेंगी। स्थिति सामान्य करने के लिए आवश्यक वातावरण निर्माण में इन गतिविधियों से मदद मिलेगी।

विद्यार्थी और प्राध्यापक बनेंगे कोविड अनुकूल व्यवहार के मास्टर ट्रेनर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जाना है। इसमें महाविद्यालय और तकनीकी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को शामिल किया जाए। प्रदेश में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। इन विद्यार्थियों और प्राध्यापकों की कोविड अनुकूल व्यवहार के मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षित विद्यार्थी और प्राध्यापक कोविड अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें। छात्र शक्ति, एनसीसी और एनएसएस की टीमों का योगदान कोविड अनुकूल वातावरण बनाने में प्रभावी होगा।

तीसरी लहर रोकने में मध्यप्रदेश नया मॉडल प्रस्तुत करेगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में तीसरी लहर नहीं आने देना है। इस प्रकार की गतिविधियाँ हमें तीसरी लहर को रोकने में सहायक सिद्ध होगी। इसके साथ ही टेस्ट, पॉजिटिव व्यक्ति की पहचान, कान्टेक्ट ट्रेसिंग और कोरोना संक्रमित को कोविड केयर सेंटर में ले जाना जारी रहे। किल-कोरोना अभियान चलता रहे। इन गतिविधियों और कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए जागरूकता अभियान को मंत्री, विधायक और सांसद नेतृत्व प्रदान करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छात्र शक्ति का उपयोग कर कोविड की तीसरी लहर को रोकने में मध्यप्रदेश पूरे देश में एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगा।
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