• Sat. Nov 23rd, 2024

शिक्षा से बच्चों की श्रेष्ठ नैसर्गिक प्रतिभा का प्रगटीकरण होना चाहिए – मुख्यमंत्री चौहान
madhyapradesh ki khas khabren,mpnews,madhyapradesh news,madhyapradesh ke samachar,ShivrajSinghChouhan,shivrajsingh chouhan,mpcm,chiefminister of madhyapradesh,todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today indiaकला से समृद्ध शिक्षा के दो दिवसीय कार्यक्रम अनुगूँज का समापन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिक्षा में अध्ययन के साथ विद्यार्थियों की नैसर्गिक प्रतिभा का प्रगटीकरण भी होना चाहिये। नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है। विद्यार्थियों की चहुमुँखी क्षमता को विकसित करने के लिए अब प्रत्येक सरकारी शालाओं में प्रतिवर्ष वार्षिक उत्सव आयोजित किए जाएंगे। इसमें कला, संस्कृति, परम्पराओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुगूँज कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देने वाले प्रत्येक छात्र-छात्राओं को 5 हजार रूपए सम्मान निधि दी जाएगी और उन्हें मुख्यमंत्री निवास में पूरी टीम के साथ सम्मानित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवाजी नगर के प्रांगण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के दो दिवसीय कार्यक्रम अनुगूंज के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इन्दरसिंह परमार और मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह भी मौजूद थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनुगूंज बच्चों की छिपी प्रतिभा को उभारने का कार्यक्रम है। हर बच्चे में प्रतिभा होती है। प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और उभारने की आवश्यकता रहती है। राज्य सरकार का प्रयास है कि बच्चे लिखाई-पढ़ाई में अव्वल तो रहे ही उनकी कला, साहित्य, गायन, संगीत, चित्रकला आदि क्षेत्रों के लिये अन्तर्निहित श्रेष्ठता उभरे। उन्होंने बताया कि मैं भी सरकारी स्कूल में पढ़ा हूँ। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि हर बच्चे में ईश्वर के अंश होते हैं। उनमें अनन्त शक्तियां होती हैं। वे अमृत पुत्र हैं। उनमें बहुत संभावनाएँ छुपी रहती हैं। उचित मौका मिले तो बहुत आगे बढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाकवि कालिदास और गोस्वामी तुलसीदास का उदाहरण देते हुये कहा कि दो महाकवियों ने उनके जीवन में घटी घटना से प्रेरित होकर सृजन किया तथा दुनिया को अनूठे तथा दुर्लभ साहित्य दिए। साधारण परिस्थितियों से उपर उठकर वैज्ञानिक, साहित्यकार, अधिकारी, नेता, कवि, आदि हर क्षेत्र में शिखर तक पहुँचा जा सकता है। हमारे समाज में ऐसे अनेक उदाहरण हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ रूचि हो वहाँ अध्ययन करें। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों की रूचि पहचाने तथा उस क्षेत्र में उन्हें बढ़ाने में सहयोग करें। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा को बेहतर बनाया गया है। उन्होंने बच्चों का आव्हान किया कि वे शासकीय शालाओं में पढ़कर प्रदेश, देश और दुनिया में नाम रोशन करें। कुछ करके दिखायें। यही मेरी हसरत है। उन्होंने कहा कि जब मैं बच्चों के बीच होता हूँ, तो मुझे बहुत प्रसन्नता होती है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आप अपने आप को दीन-हीन, असहाय कभी भी न समझें। जैसा विचार होता है, व्यक्ति वैसा ही बन जाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये हर उपाय करने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वयं मास्क लगायें और परिवारजनों को भी इसके लिये रोके-टोके। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकार बच्चों के बीच मंच पर जाकर उनका उत्साहवर्धन किया।

स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्ययन के साथ कला और खेलकूद के विकास को शामिल किया जा रहा है। कला, शिक्षा और संस्कृति के आपसी सामंजस्य से विद्यार्थियों को सीखने का अवसर मिलता है और उनमें उत्साह का संचार होता है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की नीति के अंतर्गत विभिन्न प्रांतों की संस्कृति से परिचित होने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में अकादमिक कार्य के साथ अन्य गतिविधियों को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया अनुगूंज कार्यक्रम में 11 विद्यालयों के 400 विद्यार्थी सम्मिलित हुये और अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर उत्कृष्ट हुआ है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्रों में एडमीशन की राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्र बड़ी संख्या में सफल हुये हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा पेंटिंग प्रदर्शनी का अवलोकन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा बनाई गई सभी पेंटिंग बहुत उत्कृष्ट हैं। ऐसा लगता ही नहीं कि यह बच्चों द्वारा बनाई गई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं होती। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रारंभ में दिव्यांग बच्चियों का पूजन किया ओर उन्हें सहायक उपकरण प्रदान किये।

अनुगूँज

कला से समृद्ध शिक्षा की एक अनूठी परिकल्पना साकार हुई है। इस आयोजन से यह चरितार्थ हुआ है कि सही अवसर, संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान किया जाए तो हर प्रतिभा नए आयाम छू सकती है। अनुगूँज के दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम और द्वितीय दिवस वाद्यवृन्द, समूह गान, भरतनाट्यम, मयूरभंज नृत्य, आडसी तथा कत्थक, समकालीन नृत्य आदि मनमोहक प्रस्तुतियाँ हुई। साथ ही जातक कथा आधारित नाटक निर्द्वन्द्व और मणिपुरी लोक कथा आधारित नाटक्मिजाओगी खोंगचट का मंचन किया गया। केन्द्र सरकार की एक भारत श्रेष्ठ भारत अवधारणा के तहत सांस्कृतिक सम्पदा के आदान-प्रदान के लिए मध्यप्रदेश सरकार को नागालेंड और मणिपुर राज्यों के साथ समूहबद्ध किया गया। इन उत्तर पूर्वी राज्यों की कला एवं संस्कृति की झलक भी इस अनुगूंज 2021 की प्रस्तुतियों और परिकल्पनाओं में देखने को मिली।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत, संचालक कौशल विकास श्री धनराजू एस. और श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
madhyapradesh ki khas khabren,mpnews,madhyapradesh news,madhyapradesh ke samachar,ShivrajSinghChouhan,shivrajsingh chouhan,mpcm,chiefminister of madhyapradesh,todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today india





aum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *