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भारत के औषधि महानियंत्रक ने कोविड-19 के दो टीकों को आपात स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति दी
todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today indiaभारत के केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रक-डीसीजीआई ने कोविड-19 के दो टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग की मंजूरी दे दी है-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया के कोविशील्ड और भारत बायोटैक के कोवाक्सिन, को अनुमति देने की घोषणा भारत के केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रक द्वारा की गई है।

औषधि महानियंत्रक वी.जी. सोमानी ने आज सुबह एक संवाददाता सम्मेलन में इन दोनों टीकों को अनुमति देने की घोषणा की। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका के साथ भारत में पुणे की प्रयोगशाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया में विकसित किया गया है। औषध महानियंत्रक ने बताया कि दोनों टीकों के आपात उपयोग की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद केन्‍द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन ने स्‍वीकृति प्रदान की।

श्री सोमानी ने बताया कि भारतीय सीरम संस्‍थान, पुणे ने 23 हजार 745 लोगों संबंधी सुरक्षा, रोग प्रतिरक्षा क्षमता प्रभावकारिता के आंकड़े प्रस्‍तुत किये और वैक्‍सीन की समग्र प्रभावकारिता 70 दशमलव चार दो प्रतिशत पाई गई। इसके अतिरिक्‍त संस्‍थान को देश में एक हजार छह सौ लोगों पर चरण दो और तीन के नैदानिक परीक्षण करने की भी अनुमति दी गई।

उन्‍होंने बताया कि संस्‍थान द्वारा प्रस्‍तुत किये गये परीक्षण के आंकड़ों की तुलना, विदेशों में हुए नैदानिक अध्‍ययनों से की जा सकती है। विस्‍तृत विचार-विमर्श के पश्‍चात इस विषय से संबंधित विशेषज्ञ समिति ने कुछ नियामक शर्तों के अधीन आपात स्थिति में इनके सीमित उपयोग की अनुमति दी। श्री सोमानी ने बताया कि संस्‍थान द्वारा देश में चलाया जा रहा नैदानिक परीक्षण जारी रहेगा।

औषध महानियंत्रक ने बताया कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्‍ट्रीय विषाणु संस्‍थान, पुणे के सहयोग से को-वैक्‍सीन तैयार किया है। उन्‍होंने बताया कि यह वैक्‍सीन वैरो सेल प्‍लेटफार्म पर विकसित किया गया है, जिसका देश और विश्‍वभर में सुरक्षा और प्रभावकारिता का सुस्‍थापित रिकॉर्ड है।

श्री सोमानी ने बताया कि को-वैक्‍सीन का चरण-तीन का परीक्षण भारत में 25 हजार आठ सौ स्‍वंयसेवियों पर किया गया था और आज की तारीख तक देश में 22 हजार पांच सौ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है तथा अब तक उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार इस वैक्‍सीन का सुरक्षित पाया गया है। उन्‍होंने बताया कि इस विषय से संबंद्ध विशेषज्ञ समिति ने वैक्‍सीन से संबंधित सुरक्षा और रोग प्रतिरक्षा क्षमता की समीक्षा की थी और जनहित में आपात स्थिति में इसके सीमित उपयोग की अनुमति दी थी।

श्री सोमानी ने यह भी बताया कि कैडिला हैल्‍थ केयर को चरण-तीन का नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी गई है। कैडिला ने डी एन ए प्‍लेटफॉर्म प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करते हुए नोवल कोरोना वायरस-2019 एन कोव-वैक्‍सीन तैयार किया है। उन्‍होंने बताया कि भारतीय सीरम संस्‍थान और भारत बायोटेक द्वारा तैयार किये गये टीकों की दो खुराकें दी जायेंगी और कैडिला कंपनी के टीके सहित सभी तीनों टीकों को दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना होगा।

भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजे‍नेका की कोविशील्‍ड और भारत बॉयोटेक की कोवैक्‍सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दिये जाने के बाद भारतीय सीरम संस्‍थान के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी एडर पूनावाला ने कहा है कि कुछ ही सप्‍ताह में इस वैक्‍सीन का प्रयोग शुरू हो जाएगा। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि देश की पहली कोरोना वैक्‍सीन कोविशील्‍ड सुरक्षित और कारगर है।

श्री पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा भारतीय औषधि महानियंत्रक को धन्‍यवाद दिया है। इस बीच, महाराष्‍ट्र में कोविड-19 संबंधी कार्यदल के प्रमुख डॉ. संजय ओक ने कहा है कि कोरोना वैक्‍सीन लेने को राष्‍ट्रीय कर्तव्‍य समझा जाना चाहिए।
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