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नये रेल मार्गों का निर्माण छत्तीसगढ़ के विकास में मील का पत्थर साबित होगा: डॉ. रमन सिंह

04/08/2016
रायपुर, 4 अगस्त 2016
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि रेल मंत्रालय, कोल मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के साझा प्रयासों से बनने वाले नये रेल मार्ग राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली के रेल भवन में रेल मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच हुए साझा उद्यम समझौते के अवसर पर इस आशय के विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु और केन्द्रीय कोयला और ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे ।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नये रेल मार्गों के निर्माण से छत्तीसगढ़ के पिछड़े और दूरस्थ इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने बताया कि आज छत्तीसगढ़ ने 884 किलोमीटर रेलवे लाईन के विकास के लिए रेलवे मंत्रालय के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर कार्य करने के लिए एक साझा समझौता किया है । इसके तहत डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-मुंगेली – कोटा- कटघोरा- बिलासपुर के 270 किलोमीटर लंबाई वाले रेल कॉरिडोर , रायपुर-बलोदाबाजार -झारसगुड़ा के 310 किलोमीटर लंबाई वाले रेल कॉरिडोर , अंबिकापुर- बरवाडीह के बीच 182 किलोमीटर रेल कॉरिडोर और सूरजपूर- परसा – ईस्ट-वेस्ट कारिडोर के 122 किलोमीटर लंबाई के रेल कॉरिडोर का निर्माण शामिल हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा -छत्तीसगढ़ सरकार पूर्व में ही रेल मंत्रालय , कोल मंत्रालय एवं इस्पात मंत्रालय के साथ साझा उद्यम बनाकर 546 किलोमीटर रेलवे लाईन के निर्माण पर कार्य कर रही है । इनमें से ईस्ट कारिडोर फेज-1 , खरसियां से धर्मजयगढ़ के बीच का कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण हो जायेगा । इसी प्रकार फेज-2 के धर्मजयगढ़-कोरबा के बीच
रेलवे लाईन निर्माण का कार्य मार्च 2020 तक तथा ईस्ट-वेस्ट कारिडोर के तहत गेवरा से पेण्ड्रा रोड के बीच का कार्य भी मार्च 2019 तक पूर्ण हो जायेगा । इस संपूर्ण रेल मार्ग के लंबाई 311 किमी है । उन्होंने बताया -दल्ली राजहरा से रावघाट 95 किमी और रावघाट से जगदलपुर 140 किमी रेलमार्ग का निर्माण भी वर्ष 2020-21 तक पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेल घनत्व राष्ट्रीय औसत के आधे से भी कम है जबकि हम रेल को फ्रेट राजस्व के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देते है।
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि साझा उद्यम के माध्यम से राज्यों के सहयोग से रेल लाईन का निर्माण सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ हम पहले से ही सफलतापूर्वक कार्य कर रहे है और अन्य राज्य भी इसके लिए आगे आये है । उन्होंने कहा कि नई रेल लाईनों पर भी रेल मंत्रालय तेजी से कार्य करेगा । उन्होंने छत्तीसगढ़ के 7 रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए भी राज्य सरकार के सहयोग से कार्य करने की बात कही । केन्द्रीय ऊर्जा, कोयला और खनन मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ में रेल लाईन के विकास के लिए बनाई जा रही योजनाएं वास्तव में सुशासन का विलक्षण उदाहरण है। उन्होंने बताया कि इससे रेल लाईन में भविष्य में होने वाली व्यस्त ट्रेफिक की समस्या से भी निजात मिलेगी ।
समारोह में एम.ओ.यू. पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह और रेल मंत्रालय की ओर से श्री एस.सी. जैन ने हस्ताक्षर किये । इस अवसर पर आवासीय आयुक्त श्रीमती बी.व्ही. उमादेवी, खनिज संचालक सुश्री रीना कंगाले तथा विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी श्री विक्रम सिसोदिया भी उपस्थित थे ।

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