(राष्ट्रीय ‘खान और खनिज’ संगोष्ठी का रायपुर में शुभारंभ)
केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज रायपुर में राष्ट्रीय खान एवं खनिज संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के खनिज बहुल क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की बड़ी संभावनाएं हैं। राष्ट्र के आर्थिक विकास और जी.डी.पी. को बढ़ाने में भी खनिज क्षेत्र काफी सहायक है। खनिज व्यवसाय में लगे व्यक्ति और संस्थान भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। श्री तोमर ने कहा कि खनिज व्यवसायी भी भारत के भविष्य के निर्माता है। भारत को सजाने संवारने में उनकी सराहनीय भूमिका है। श्री तोमर ने देश में पहली बार राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी के आयोजन और इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य के चयन का उल्लेख करते हुए कहा कि खनिज नीति बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहला राज्य है, जहां आज जिला खनिज न्यास की राशि से दंतेवाड़ा जिले के चयनित गांवों के लिए 25 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की शुरूआत हो रही है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के खनिज क्षेत्रों के निवासियों के हितों को ध्यान में रखकर खनिज क्षेत्र कल्याण योजना बनाई है।
श्री मोदी के नेतृत्व में नई खनिज नीति के जरिये खदान आवंटन का एक मात्र रास्ता नीलामी की प्रक्रिया को बनाया गया है। पूरी पारदर्शिता के साथ यह कार्य हो रहा है। अब तक सात खदानों की नीलामी से केन्द्र को लगभग 29 हजार करोड़ रूपए का राजस्व मिलना सुनिश्चित हुआ है। इसमें से 13 हजार करोड़ रूपए राज्यों को जारी किए गए हैं। श्री तोमर ने कहा कि देश के लगभग 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से अभी केवल 8 लाख वर्ग किलोमीटर में खनिज संभावनाएं तलाशी गई है। खनिज क्षेत्रों का विकास होगा तो रोजगार भी बढ़ेगा। श्री तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार खनिज उत्खनन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ाना चाहती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित हम सबका यह मानना है कि जल, जंगल और खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों का होना चाहिए। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के जरिये गरीबों के हित संरक्षण की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।