Jul 04 2016
ढाका : ढाका में आतंकवादी हमले पर आज शुरु हुए दो दिन के राष्ट्रीय शोक के बीच बांग्लादेश ने हमलों के लिए स्थानीय आतंकवादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया. गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कहा, ‘मुझे एक बार फिर साफ करने दें, बांग्लादेश में किसी आईएसआईएस या अल-कायदा का वजूद नहीं है. बंधक बनाने वाले सभी देश में ही पले-बढे आतंकवादी थे, ना कि आईएसआईएस या किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन के सदस्य.’ खान ने कहा, ‘हम उन्हें (बंधक बनाने वालों को) उनके पूर्वजों के साथ जानते हैं, वे सभी बांग्लादेश में पले-बढे हैं. वे जेएमबी (जमीयतुल मुजाहिदीन बांग्लादेश) जैसे देश में ही पनपे संगठनों से जुडे हैं.’
ढाका के राजनयिक क्षेत्र में स्थित और विदेशियों के बीच लोकप्रिय रेस्तरां होले आर्टिजन बेकरी में 11 घंटे तक लोगों को बंधक बनाने के प्रकरण का अंत सैन्य कार्रवाई में हुआ. उग्रवादियों ने 20 बंधकों की हत्या कर दी जबकि सैन्य कार्रवाई में छह उग्रवादी मारे गए और एक जिंदा गिरफ्तार हुआ. आईएस का दावा है कि उसने इस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार हुसैन तौफिक इमाम ने कहा कि जिस तरह बंधकों को तेज धारदार बडे चाकुओं से मारा गया है उससे लगता है कि स्थानीय आतंकवादी समूह, प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन का हाथ है.
आईएसआई और जमीयतुल मुजाहिदीन में है गहरा संबंध
इमाम ने एक टीवी चैनल से चर्चा में कहा, ‘पाकिस्तान की आईएसआई और जमात के बीच का रिश्ता जग-जाहिर है. वे मौजूदा सरकार को पटरी से उतारना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आखिरी वक्त में घबरा गाय और जिंदा पकडा गया है. उसके पास अहम जानकारियां हैं. आतंकवादियों ने जिन बंधकों की हत्या कर दी उनमें 19 साल की एक भारतीय किशोरी तारिषी जैन शामिल है. आतंकवादियों के हाथों 9 इतालवी, 7 जापानी, बांग्लादेशी मूल का एक अमेरिकी और दो बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं. ज्यादातर इन बंधकों का गला रेत कर हत्या की गई है.
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि जिन बंधकों को बचाया गया उनमें भारतीय, श्रीलंकाई और जापानी नागरिक हैं. तकरीबन 30 लोग घायल हुए हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में एक पुलिस सूत्र के हवाले से बताया गया है कि सभी आतंकवादी बांग्लादेशी नागरिक हैं और उनकी उम्र 20 से 28 साल के बीच है. पुलिस का कहना है कि हमलावर सुशिक्षित थे और उनका ताल्लुक धनी परिवारों से है. एक पुलिस सूत्र ने बताया, ‘उनमें से सभी छात्र थे और अपराध स्थल पर वे बंगाली और अंग्रेजी में बातचीत कर रहे थे.’ शेख हसीना की सरकार ने लगातार बांग्लादेश में आईएसआईएस की मौजूदगी से इनकार किया है जबकि कई विशेषज्ञों का कहना है कि अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं के निर्मम हमलों की श्रंखला पर आईएसआईएस की छाप है.
हमलावरों की तस्वीर जारी, गिरफ्तार आतंकी से पूछताछ जारी
पुलिस ने बंधक को छुडाने के लिए की गई कमांडो कार्रवाई के दौरान मारे गए छह बंदूकधारियों की तस्वीर जारी की है. सातवां आतंकवादी गिरफ्तार किया गया है और बांग्लादेशी खुफिया अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं. पुलिस प्रमुख एकेएम शाहिदुल हक ने बताया कि मारे गए छह बंदूकधारियों में से पांच आतंकवादी के रुप में सूचीबद्ध थे और पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी. पुलिस ने उनकी शिनाख्त आकाश, विकास, डान, बंधन और रिपन के रुप में की है. बांग्लादेश के मीडिया की रिपोर्टों में बताया गया है कि अमेरिका आधारित ‘साइट इंटेलिजेंस ग्रुप’ ने असाल्ट राइफल लिए पांच बंदूकधारियों की तस्वीरें प्रकाशित की.
इसके बाद इन उग्रवादियों के पूर्व सहपाठियों ने सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरें डाल कर उनकी शिनाख्त करनी शुरू कर दी. इस्लामिक स्टेट ने इन्हें बंधकों की हत्या करने वाला बताया. आईएसआईएस ने भी चार आतंकवादियों की तस्वीरें डाली हैं जो उसके काले परचम के आगे मुस्करा रहे हैं. आईएसआईएस का दावा है कि ये चारों ढाका हमले में शामिल थे. आईएसआईएस ने ‘धर्मयुद्ध चला रहे देशों’ को आगाह किया है कि ‘जब तक उनके विमान मुसलमानों की हत्या करते रहेंगे,’ उसके नागरिक सुरक्षित नहीं होंगे.
तीन हमलावरों की हो चुकी है शिनाख्त
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन पांच हमलावरों में से तीन की शिनाख्त उनके दोस्त कर चुके हैं. बंदूकधारियों ने बंधकों का मजहब जानने की कवायद की. उन्होंने बंधकों से कुरान की आयतें सुनाने को कहा. जो आयतें नहीं सुना सके, उन्हें यातनाएं दी गईं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस आतंकवादी हमले में मरने वालों के लिए दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा करते हुए देश से आतंकवादियों को खत्म करने का संकल्प लिया. उन्होंने आतंकवादियों से कहा कि वे धर्म के नाम पर खून बहाना बंद करें. हसीना ने ‘मुट्ठी भर आतंकवादियों’ से प्रतिरोध करने के लिए आमजन समेत सभी का आह्वान किया. दो दिन के राष्ट्रीय शोक के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया.
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