• Tue. Apr 30th, 2024

रक्षाबंधन पर बाहर से आ रहे व्यक्तियों की जाँच सुनिश्चित करायें कलेक्टर : मुख्यमंत्री चौहान

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रक्षाबंधन पर बाहर से आ रहे व्यक्तियों की जाँच सुनिश्चित करायें कलेक्टर : मुख्यमंत्री चौहानराज्यपाल श्रीमती पटेल ने दी रक्षा-बंधन की बधाई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी रक्षाबंधन पर्व की बधाई
प्रदेश में संचालित होगा पोषण अभियान
727 ग्रामों की 15 लाख आबादी को मिलेगा चम्बल नदी का पेयजल
कोरोना उपचार की व्यवस्थाओं में निरंतर बढ़ोत्तरी
प्रदेश में संचालित होगा पोषण अभियान

रक्षाबंधन पर बाहर से आ रहे व्यक्तियों की जाँच सुनिश्चित करायें कलेक्टर : मुख्यमंत्री चौहान
कोरेंटाइन सेन्टरों की व्यवस्था पर निगरानी रखें
मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की कोरोना की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरेंटाइन सेन्टर्स पर भोजन, पानी तथा स्वच्छता की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, जिससे यहाँ भर्ती लोगों को शिकायत का मौका न मिले। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर बाहर से आनेवाले लोगों की स्क्रीनिंग की पुख्ता व्यवस्था सभी जिला कलेक्टर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार की सतर्कता रखी जाये, जिससे किसी भी जिले में लॉकडाउन की स्थिति अब न बने। मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर तथा राजगढ़ जिले की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि कोरोना से बचाव की सावधानियाँ जैसे मास्क पहनना, सैनेटाईजेशन और फिजिकल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाये। उन्होंने अस्पतालों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। बैठक में जानकारी दी गई कि जबलपुर में कोरोना से ग्रस्त हुए गंभीर बीमारियों के मरीज भी कोरोना से उबरे हैं। इनमें नुसरत परवीन दस दिन वेन्टीलेटर पर रहने के बाद भी कोरोना से मुक्त हुई। इसी प्रकार कैंसर से ग्रस्त बलराम जसवानी तथा हृदय रोग से पीड़ित श्री रेवाराम ने भी कोरोना को परास्त किया।

रेपिड एन्टीजेन टेस्ट आरंभ

वीडियो कांफ्रेंस में जानकारी दी गई कि प्रदेश में कोरोना के रेपिड एन्टीजेन टेस्ट की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। प्रदेश में 31 जुलाई को 507 तथा एक अगस्त को 1021 टेस्ट किये गये। इससे कोरोना प्रभावित व्यक्तियों का त्वरित चिन्हांकन संभव होगा।

कान्टेक्ट हिस्ट्री और सेम्पलिंग पर विशेष ध्यान दें

सभी जिलों को कोरोना टेस्ट की सेम्पलिंग बढ़ाने और कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की कान्टेक्ट हिस्ट्री को चिन्हित कर सम्पर्क में आये व्यक्तियों की जाँच आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिये गये। सभी जिलों में क्राईसेस मैनेजमेन्ट ग्रुप द्वारा कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा और तदृनुसार प्रबंधन सुनिश्चित करने संबंधी जानकारी भी ली गई।

एम्बुलेंस व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मरीज तक एम्बुलेंस कितने समय में पहुँचती है इसकी निगरानी आवश्यक है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने जानकारी दी कि सभी जिलों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था है तथा कलेक्टर्स को आवश्यकता होने पर अतिरिक्त एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिये राशि भी उपलब्ध कराई गई। इसी तारतम्य में जानकारी दी गई कि प्रदेश में वेंटीलेटर सहित उपचार के लिये आवश्यक अन्य सभी मशीने पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में कोरोना मरीजों के प्रबंधन की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा रहा है। भोपाल के एलएन मेडिकल कॉलेज, जे.के. मेडिकल कॉलेज, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना उपचार की व्यवस्था आरंभ हो गई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंस द्वारा ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, नीमच, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, मंदसौर, रायसेन, रीवा, सीहोर, बैतूल, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी आदि जिलों में कोरोना की स्थिति और नियंत्रण एवं उपचार के किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी ली। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने दी रक्षा-बंधन की बधाई
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने प्रदेशवासियों को रक्षा-बंधन पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं ।


राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा है कि रक्षाबंधन का पावन पर्व सामाजिक एकता, स्नेह और आत्मीयता का अनूठा पर्व है। रक्षा सूत्र का बंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है। पारिवारिक समरसता की प्रेरणा देता है। यह पर्व देश में सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत बनाता हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं के सम्मान का संकल्प लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने दी रक्षाबंधन पर्व की बधाई
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के नागरिकों को रक्षाबंधन पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संदेश में कहा है कि कोरोना के दौर में रक्षाबंधन पर्व भी सावधानी से मनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश की सभी बहनों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि मेरी सभी बहनें स्वस्थ, प्रसन्न एवं सुखी रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बहनों से कहा कि आपका भाई, सभी माताओं ,बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण का कार्य पूरी ताकत से करता रहेगा।

प्रदेश में संचालित होगा पोषण अभियान
दूसरे विभाग भी आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम बनाने में सहयोग करें – मुख्यमंत्री श्री चौहान
कोविड-19 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका की हुई प्रशंसा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बच्चों और महिलाओं का कुपोषण दूर कर उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में आंगनवाड़ी केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोविड-19 के दौर में इसका महत्व और भी बढ़ गया है। दूसरे विभाग भी आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम बनाने में सहयोग करें। अधिकारी और मंत्रीगण भी जिलों में भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरस्त करने में सहयोग प्रदान करें। पोषण अभियान की कार्ययोजना बनाकर शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त किए जाएं। महिला और बाल विकास की योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन को बेहतर बनाया जाए। जो कमियां दिखें उन्हें दूर किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विभिन्न व्यवस्थाएँ करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बढ़ाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रविवार को अस्पताल से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा प्रदेश की आंगनवाड़ियों के संचालन की समीक्षा करते हुये ये निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक मूवमेंट और जन आंदोलन बनाकर कुपोषण का कलंक दूर करें। आगामी 15 अगस्त तक इसकी कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अच्छा कार्य किया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आंगनवाड़ी के माध्यम से बच्चों को पोषण आहार देने का लक्ष्य पूर्ण करें। प्रदेश में शत-प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्र के भवन निर्माण का लक्ष्य है। अब प्रदेश में कहीं भी, किसी घर में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं होंगे। इन्हें अपने भवन मिलेंगे। सामुदायिक भवन अथवा अन्य रिक्त शासकीय भवन में इसकी व्यवस्था की जाए। समीक्षा बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती इमरती देवी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस,अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह उपस्थित थे।

रेडी टू ईट और टेक होम राशन की व्यवस्थाएँ पुख्ता हों

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चिरायु अस्पताल से वीसी द्वारा निर्देश दिए कि कोविड-19 के संक्रमण काल में 53 हजार 668 स्व-सहायता समूहों द्वारा तीन वर्ष से छह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो। लोकल फॉर वोकल के क्रियान्वयन के अंतर्गत रेडी टू ईट की व्यवस्था की गई है। इसी प्रावधान के अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को प्रत्येक 15 दिवस के अंतराल से टेक होम राशन प्रदाय की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गंभीरता से अपना दायित्व पूरा करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर की निगरानी और टीकाकरण भी नियत स्थानों पर छोटे-छोटे समूहों में किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लोगों के निवास जाकर कोरोना संक्रमण से बचाव का परामर्श भी प्रदान करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण काल में पलायन कर मध्यप्रदेश में आए परिवारों के पात्र हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार प्रदाय की जानकारी भी प्राप्त की।
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त्रि-स्तरीय रणनीति पर हो कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि महिला एवं बाल विकास विभाग त्रि-स्तरीय रणनीति तैयार कर कार्यों का संपादन सुनिश्चित करें। तत्काल किए जाने वाले कार्य, अल्पकालीन लक्ष्य और दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। तिमाही, छमाही और सालाना लक्ष्य बनाए जा सकते हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पद्धति विकसित की जाए। इसे सिंगल सिटीजन डाटाबेस से भी जोड़ा जा सकता है। बेहतर मानीटरिंग सिस्टम होने से आंगनवाड़ी केन्द्रों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।

आंगनवाड़ी केन्द्रों की कमियाँ दूर कर उनकी उपयोगिता बढ़ाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों की कमियाँ दूर कर उनकी उपयोगिता बढ़ाई जाए। केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए हैण्डपम्प स्थापना और पाईप लाइन से जल प्रदाय की संभावना का अध्ययन कर व्यवस्था की जाए। जिन केन्द्रों में किचन शेड और शौचालय नहीं है, वहाँ इनकी व्यवस्था के लिए प्रयास हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वास्थ्य विभाग को भी आंगनवाड़ी केन्द्रों के बेहतर संचालन के लिए सक्रिय रहने को कहा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्र के स्तर तक प्रायमरी पूर्व शिक्षा की व्यवस्था एक चुनौती है, जिसे स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर अच्छे परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रयास किए जाएं।

आंगनवाड़ी केन्द्रों की महत्वपूर्ण सेवाएं

समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि आंगनवाड़ी केन्द्रों की छह महत्वपूर्ण सेवाओं में पूरक पोषण आहार, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, शाला पूर्व शिक्षा और संदर्भ सेवाएं शामिल हैं। केन्द्र के हितग्राहियों में छह माह से तीन वर्ष के बच्चे, तीन से छह वर्ष तक के बच्चे, 11 से 14 वर्ष की शालात्यागी किशोरी बालिकाएँ, गर्भवती माताएँ, धात्री माताएँ शामिल हैं। प्रदेश में 84 हजार 465 आंगनवाड़ी केन्द्र और 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस तरह कुल 97 हजार 135 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। केन्द्र और राज्य सरकार के 50-50 प्रतिशत के अंश से संचालित इन केन्द्रों को 3409 सेक्टर में विभाजित किया गया है। प्रदेश के 313 विकासखण्डों में केन्द्र संचालित हैं।

मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश

सभी आंगनवाड़ी केंद्र नियमित खुलें। केन्द्र खुलने अथवा न खुलने की नियमित जानकारी भी मिल सके, ऐसी व्यवस्था की जाए।

पोषण अभियान में समाज का सहयोग प्राप्त करें। आमजन को दायित्व मिलना चाहिए। प्रत्येक ग्राम की एक टीम बनायें। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के प्रयास हों।

महिला और बाल विकास विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग, जिलों में स्थानीय प्रशासन और अन्य सहयोगी विभागों के साथ मिलकर पूरी तैयारी के साथ पृथक ग्राम सभाएं आयोजित की जाएं जो पोषण अभियान, स्वास्थ्य टीकाकरण का संदेश दें। ये सभाएं इस माह के अंत या सितम्बर माह के प्रारंभ में हों, सुविचारित और व्यवस्थित रूप से हों। पोषण अभियान का महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार भी हो।

पोषण अभियान से कलेक्टर और उनकी टीम का जुड़ना आवश्यक है। प्रत्येक स्थान की पोषण की भिन्न स्थिति है। इसके अनुसार कार्य संचालित हो। उदाहरण के लिए शिवपुरी के लिए सघन प्रयास आवश्यक हैं।

विभागीय गतिविधियों की नियमित समीक्षा हो, जिससे यह जानकारी मिले कि हम कहां खड़े हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय की राशि समय पर मिले।

कोरोना उपचार की व्यवस्थाओं में निरंतर बढ़ोत्तरी
उज्जैन, भोपाल और इंदौर में अब रेपिड एंटीजन टेस्ट भी
अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने और संक्रमित व्यक्तियों के समुचित उपचार के सभी प्रंबध किये जा रहे हैं। कोरोना सस्पेक्ट की समय पर पहचान, क्वारेंटाइन की व्यवस्था और समय पर टेस्टिंग की प्राथमिकताओं पर प्रदेश में कार्य हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना नियंत्रण एवं उपचार के लिये किये जा रहे इन प्रयासों में समाज को भी अहम् भूमिका निभाना होगी। प्रदेश में अब रेपिड एंटीजन टेस्ट प्रारंभ किये जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने रविवार को समन्वय भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से रू-ब-रू हो कर कोविड-19 के लिये प्रदेश स्तर पर चलाये जा रहे अभियान और राज्य शासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

श्री सुलेमान ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने का कारगर उपाय यही है कि सभी सावधानियाँ अपनाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जाए। लॉकडाउन स्थायी उपाय नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था रूकने और लोगों की आजीविका बंद होने से अनेक समस्यायें पैदा होती हैं। बेहतर है कि आम-जन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों रखें और गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें। बिना जरूरी काम भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं, घर से निकलते वक्त मास्क अवश्य लगायें।

कोरोना नियंत्रण एवं उपचार की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कई स्तरों पर सुधार किया गया है। इसमें टेस्टिंग केपेसिटी को 600 पर मिलियन से बढ़ाकर 9334 पर मिलीयन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में फीवर क्लीनिक, टेस्टिंग केपेसिटी बढ़ाना एवं क्वारेंटाइन सेंटर का संचालन प्राथमिकता से किया जा रहा है। साथ आई.आई.टी.टी. पर आधारित कार्यनीति में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आइडेंटीफाई, आईसोलेशन, टेस्ट और ट्रीट कर कोरोना नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कार्य हो रहा है।

मो.सुलेमान ने बताया कि कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश बेहतर स्थिति में है। प्रारंभ में प्रदेश देश में तीसरे-चौथे स्थान पर था। अब एक्टिव केसेस, रिकवरी रेट के मामले में प्रदेश 15 वें स्थान पर आ गया है। फेटेलिटी दर में सुधार हुआ है। यह 10.3 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत हुई है। देश के एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का हिस्सा केवल 1.6 प्रतिशत है।

एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि कोरोना ऐसे लोगों पर ज्यादा असर करता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो अथवा जिनकों ह्रदय या फेफडों से संबंधित बीमारी हो। साथ ही कोरोना वायरस बच्चों और बुजुर्गों को भी जल्दी संक्रमित करता है। डॉ. सिंह ने बताया कि अर्ली स्टेज में कोरोना संक्रमण का इलाज आसानी से हो जाता है, जबकि एडवांस स्टेज में मरीज को बचाना मुश्किल होता है। अत: जैसे ही सर्दी, खांसी-जुकाम के लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। अर्ली स्टेज में मरीज को होम क्वारेंटाईन करके ही इलाज किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने जानकारी दी है कि भोपाल, उज्जैन और इंदौर में सीरो सर्विलान्स अर्थात रेपिड एंटीजेन टेस्ट प्रारंभ किये जा रहे हैं। जिससे कम समय में ज्यादा संख्या में टेस्ट किये जा सकेंगे। जिनका परिणाम भी जल्दी प्राप्त होगा।

स्वास्थ्य व्यवस्था हुई बेहतर

बताया गया कि प्रदेश में अस्पतालों की बेड केपेसिटी को बढ़ाया गया है। जनरल बेड की संख्या 2428 को बढ़ाकर 24 हजार 560 किया गया है। ऑक्सीजन युक्त जनरल बेड की संख्या 5 हजार 983 है जिसे 31 अगस्त तक 7 हजार 910 तक बढ़ा दी जाएगी। एच.डी.यू.बेड 1188 हैं जिन्हें इस माह के अंत तक 2204 तक बढ़ाया जायेगा। आई.सी.यू बेड की संख्या को 537 से बढ़ाकर 681 की गई है, जिसे इस माह के अंत तक 1606 किया जा रहा है। फिलहाल जनरल बेड और ऑक्सीजन युक्त जनरल बेड की कुल क्षमता का 22 प्रतिशत उपयोग हो रहा हैं। वहीं 29.9 प्रतिशत आई.सी.यू बेड का कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रहा है।

इस अवसर पर आयुक्त, जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े एवं डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती छवि भारद्वाज उपस्थित थीं।

727 ग्रामों की 15 लाख आबादी को मिलेगा चम्बल नदी का पेयजल
प्रथम चरण की परियोजना लागत 1090 करोड़ होगी
चम्बल नदी के जल से मुरैना जिले के 727 ग्रामों में पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 1090 करोड़ की लागत की इस वृहद पेयजल योजना से करीब 15 लाख ग्रामीण जनसंख्या को लाभ मिलेगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री ऐंदल सिंह कंषाना के निर्देश पर निगम द्वारा योजना का सर्वेक्षण कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार किया गया है। योजना के प्रथम चरण में यह प्रावधानिक किया जा रहा है कि आगामी 30 वर्षों में होने वाली जनसंख्या वृद्धि एवं संस्थाओं को पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जा सके।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत इस परियोजना के क्रियान्वयन से लाभान्वित ग्रामों के प्रत्येक परिवार को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय कराया जाएगा।

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