Jun 17 2016
नई दिल्ली: दिल्ली में 400 करोड़ के वाटर टैंकर घोटाले में एलजी नजीब जंग ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ ACB जांच को मंजूरी दे दी है, वहीं शीला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘आज तक’ से खास बातचीत में कहा कि वाटर टैंकर कॉन्ट्रैक्ट को लेकर उनकी सरकार ने जो फैसला किया, वह अकेले का नहीं था. शीला ने कहा, ‘कॉन्ट्रैक्ट देने का निर्णय सामूहिक था, जिसमें बीजेपी भी शामिल थी. आम आदमी पार्टी उस समय नहीं थी. अगर होती तो वह भी इस ओर निर्णय में सहभागिता करती.’
’21 संसदीय सचिव नियम में नहीं’
दिल्ली के ‘आप’ सरकार द्वारा 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति पर पूर्व सीएम ने कहा कि नियम एक या दो संसदीय सचिव की नियुक्ति का है. यकीनन यह 21 तो नहीं ही है. उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग ने निर्णय किया है. वे लोग विधायक के तौर पर भी काम कर सकते हैं. सरकार में सिर्फ 7 मंत्री हैं और 21 संसदीय सचिव. मुझे लगता है कि इस ओर कुछ संतुलन बनाकर रखना चाहिए.’
‘सीएम प्रत्याशी बनाए जाने पर कोई जानकारी नहीं’
यूपी और पंजाब में विधानसभा चुनाव और इन राज्यों में उनको कांग्रेस की ओर से सीएम प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल वह शीला दीक्षित कहती हैं, ‘पार्टी मुझे जो भी कार्य सौंपेगी, मुझे वह मंजूर होगा. फिलहाल, इस बारे में मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई है. सीएम प्रत्याशी का निर्णय पार्टी आलाकमान का है और वही इस पर अंतिम मुहर लगाएंगी.’
सरकार की शिकायत पर एलजी की मुहर
गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने 400 करोड़ रुपये के वाटर टैंकर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जांच के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. जंग ने गुरुवार को दिल्ली सरकार की शिकायत को एंटी करप्शन ब्यूरो के पास भेज दिया. इससे पहले, दिल्ली के जल संसाधन मंत्री कपिल मिश्रा ने कुछ दिन पहले एलजी को चिट्ठी लिखकर दिल्ली जल बोर्ड वॉटर टैंकर घोटाले के मामले में सीबीआई जांच शुरू करने और दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.
एप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस को लेकर गोपाल राय से मंत्री पद छीनने के सवाल पर शीला ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी का अंदरूनी मामला है. लिहाजा, वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगी.
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