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वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज के पांचवीं और अंतिम किस्‍त की घोषणा की। सात क्षेत्रों में ढांचागत सुधार की पहल

वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज के पांचवीं और अंतिम किस्‍त की घोषणा की। सात क्षेत्रों में ढांचागत सुधार की पहलवित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत विभिन्‍न क्षेत्रों के लिए वित्‍तीय पैकेज और नीतिगत उपायों के पांचवें भाग की घोषणा की है। यह घोषणा, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा देश को संबोधित करते हुए भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद के दस प्रतिशत यानी बीस लाख करोड रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के तहत की गई है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन और वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कोविड-19 से प्रभावित देश की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए घोषित आर्थिक पैकेज की पांचवी और अंतिम किस्‍त के बारे में संवाददाताओं को आज नई दिल्‍ली में जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि ढांचागत सुधारों के तहत सात क्षेत्रों पर प्रमुखता से ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। इनमें मनरेगा, शहरी तथा ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर आपराधिक बनाने, कारोबार सुगमता, सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों से संबंधित नीति, राज्‍य सरकार और उनसे संबंधित संसाधन शामिल हैं।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत रोजगार सृजन के लिए और चालीस हजार करोड रुपये दिए जाएंगे उन्‍होंने कहा कि इससे लगभग तीन सौ करोड कार्य दिवस के रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी।

एक अन्‍य प्रमुख घोषणा करते हुए श्रीमती सीतारामन ने कहा कि इस नीति का उद्देश्‍य सभी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र को अनुमति देना है जो इस समय की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इसके लिए नीति तैयार करेगी। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि प्रत्‍येक रणनीतिक क्षेत्र में कम से कम एक सार्वजनिक उपक्रम अवश्‍य रहेगा। वित्‍तमंत्री ने कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम उद्योगों की संख्‍या चार तक सीमित की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि सरकार जल्‍दी ही रणनीतिक क्षेत्रों को अधिसूचित करेगी जिनमें सार्वजनिक उपक्रमों की उपस्थिति की जरूरत होगी।

राज्‍यों को सहायता के बारे में वित्‍त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण राजस्‍व हानि के बावजूद राज्‍यों को 46 हजार करोड़ रुपये अप्रैल और मई में आवंटित किए गए हैं।

श्रीमती सीतारामन ने बताया कि सरकार ने राज्‍यों के लिए कर्ज की सीमा सकल राज्‍य घरेलू उत्‍पाद के तीन प्रतिशत से बढाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। इससे राज्‍यों के लिए संसाधन राशि बढकर चार लाख 28 हजार करोड रुपये हो जाएगी। उन्‍होंने बताया कि अप्रैल के पहले सप्‍ताह में राज्‍य आपदा राहत कोष से 11 हजार करोड रुपये से अधिक की राशि अग्रिम रूप से जारी की गई है। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी और चार हजार एक सौ 13 करोड रुपये कोविड-19 से निपटने के कार्यों के लिए दिए हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य सुधारों और कोविड-19 से निपटने के प्रयासों के संदर्भ में उन्‍होंने बताया कि सार्वजनिक व्‍यय में वृद्धि की जाएगी और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में आरोग्‍य केंद्रों की संख्‍या बढाई जाएगी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सभी जिलों में संक्रमण वाले रोगों के लिए सुविधाएं और एकीकृत सार्वजनिक चिकित्‍सा प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी तथा भविष्‍य में महामारी से निपटने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए निवेश में वृद्धि की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि राष्‍ट्रीय डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत राष्‍ट्रीय डिजिटल हेल्‍थ ब्‍लू प्रिंट लागू किया जाएगा।

सूक्ष्‍म, लघु और मझौले उद्योगों को प्रमुख राहत देते हुए वित्‍तमंत्री ने कहा कि दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की न्‍यूनतम सीमा बढ़ेगी। पहले यह एक लाख रुपये है जिसे बढ़ाकर अब एक करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इससे देश के छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी। इसे जल्‍दी ही अधिसूचित कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि एक वर्ष तक कोविड-19 से संबंधित मामलों में दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया निलंबित रहेगी।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा के लिए पीएम-ई-विद्या कार्यक्रम जल्‍द शुरू किया जाएगा। इसमें सभी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन विषय वस्‍तु और क्‍यू आर कोड आधारित पुस्‍तकें भी शामिल होंगी। कक्षा एक से बारहवीं तक प्रत्‍येक कक्षा के लिए टीवी चैनलों का कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए रेडियो और सामुदायिक रेडियो को भी प्रोत्‍साहित किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि इस महीने की 30 तारीख तक शीर्ष एक सौ विश्‍वविद्यालयों को स्‍वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दे दी जाएगी। उन्‍होंने बताया कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और उनके परिवार को मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रखने के लिए मनो‍वैज्ञानिक सहायता मनोदर्पण की शुरूआत की जाएगी।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने के लिए तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी छोटे-मोटे उल्‍लंघन को अपराध नहीं माना जाएगा, जिससे न्‍यायालयों में मामलों का बोझ कम होगा। उन्‍होंने कहा कि इन सुधारों से कारोबारी सुगमता में भार‍त की वरीयता में सुधार होगा। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए सक्षम बनाया जाएगा।

वित्‍त राज्‍य मंत्री ने प्रधानमंत्री के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों को राहत पहुंचाने के उपाय किए हैं। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण पैकेज के तहत अस्‍सी करोड लोगों को नि:शुल्‍क अनाज दिया गया है। वित्‍त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत आठ करोड 19 लाख किसानों को 16 हजार करोड रुपये से अधिक की राशि दी गई है। उन्‍होंने कहा कि बीस करोड़ महिला जनधन खातों में दस हजार करोड़ रुपये और निर्माण मजदूरों को तीन हजार नौ सौ पचास करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि उज्‍जवला योजना के तहत छह करोड़ इक्‍यासी लाख लाभार्थियों को सिलेण्‍डर दिए गए हैं। इसके अलावा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन से जुड़े बारह लाख कर्मचारियों ने अग्रिम राशि ली है। उन्‍होंने कहा कि श्रमिक विशेष रेलगाड़ी प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही है और इसके पिचासी प्रतिशत लागत केंद्र सरकार वहन कर रही है।
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Courtesy

aum

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